निश्चय टाइम्स डेस्क। नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) द्वारा विश्व प्रत्यायन दिवस 2025 का आयोजन किया गया। QCI, जो भारत में प्रत्यायन का राष्ट्रीय संरक्षक है, इस आयोजन के माध्यम से देश में गुणवत्ता और अनुरूपता अवसंरचना को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में एक और मजबूत कदम आगे बढ़ाया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण संशोधित NABL पोर्टल का शुभारंभ रहा, जो विशेष रूप से प्रयोगशालाओं और लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए डिजिटल रूप से प्रत्यायन प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहल है। इस वर्ष की थीम “प्रत्यायन: लघु एवं मध्यम उद्यमों (एसएमई) का सशक्तिकरण” रही। इसका उद्देश्य MSME सेक्टर की प्रतिस्पर्धात्मकता, वैश्विक बाजारों में पहुंच और उत्पादों की विश्वसनीयता को प्रत्यायन के माध्यम से बढ़ावा देना रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत नेतृत्व संदेशों और एक विषयगत वीडियो विमोचन के साथ हुई, जिसमें गुणवत्ता, नवाचार और सतत विकास पर ज़ोर दिया गया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के DPIIT सचिव अमरदीप सिंह भाटिया, IAS ने प्रत्यायन को आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत @2047 विज़न के लिए आवश्यक बताया। QCI अध्यक्ष जैक्सय शाह ने कहा कि “मान्यता, वैश्विक विश्वास का प्रवेश द्वार है।” उन्होंने MSMEs को वैश्विक मानकों के अनुरूप ढालने, अस्वीकृति दरों को कम करने और नए बाज़ारों तक पहुंच दिलाने में प्रत्यायन की भूमिका को रेखांकित किया। कार्यक्रम में एक तकनीकी सत्र और CEO फोरम भी आयोजित हुआ, जिसमें विशेषज्ञों ने प्रत्यायन की भूमिका पर चर्चा की – जैसे कि डायग्नोस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर, अंतरराष्ट्रीय व्यापार, प्रमाणित प्रबंधन प्रणाली, सतत विनिर्माण, और Net Zero लक्ष्यों में योगदान। हर वर्ष 9 जून को मनाया जाने वाला यह दिवस भारत के छोटे व्यवसायों को नवाचार, प्रतिस्पर्धा और विकास की नई दिशा देने में प्रत्यायन की निर्णायक भूमिका की पुष्टि करता है।





