लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडर (किन्नर) समुदाय के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को राजभवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश भर में 100 ट्रांसजेंडर कल्याण केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए। इन केंद्रों के माध्यम से शिक्षा, प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जाएंगे, ताकि यह समुदाय समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके। राज्यपाल ने कहा कि यदि किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति के पास विशेष कौशल या दक्षता है, तो उसे प्रशिक्षण देकर विभिन्न संस्थानों में रोजगार से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकारी योजनाओं का लाभ इस वर्ग तक प्रभावी रूप से पहुंचे और इसका असर जमीन पर नजर आना चाहिए।
बैठक में मौजूद विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे संयुक्त रूप से जागरूकता अभियान चलाएं। इस अभियान का उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय को सरकारी योजनाओं की जानकारी देना और उन्हें इनका लाभ दिलवाना होगा। साथ ही राज्यपाल ने इस समुदाय की एक समर्पित जनगणना कराने की भी जरूरत बताई, ताकि राशन कार्ड, आवास योजना, आयुष्मान भारत और अन्य योजनाओं का लाभ उन्हें आसानी से मिल सके।
राज्यपाल ने बस्ती जिले में संचालित ट्रांसजेंडर स्कूल को स्मार्ट बोर्ड देने की घोषणा करते हुए कहा कि “शिक्षा आत्मनिर्भरता की पहली सीढ़ी है, और हर वर्ग को इसका अधिकार मिलना चाहिए।”
बैठक में ट्रांसजेंडर समुदाय की प्रतिनिधि प्रियंका समेत कई सदस्यों ने अपनी समस्याएं साझा कीं — जैसे पहचान का अभाव, सामाजिक भेदभाव, और रोज़गार की कमी। राज्यपाल ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना और समाधान के लिए संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

Author: Sweta Sharma
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