अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर लगाए गए 100 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ को लेकर बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने कहा कि यह कदम टिकाऊ नहीं है, लेकिन उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया था। फॉक्स बिजनेस चैनल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलकर कहा कि अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर चल रहा तनाव लंबे समय तक जारी नहीं रह सकता।
ट्रंप ने कहा, “मुझे ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया। बीजिंग वर्षों से अनुचित व्यापार नीतियों का पालन करता आ रहा है। उन्होंने अमेरिकी अर्थव्यवस्था से धन निकाला और अपने फायदे के लिए हमारे बाजारों का इस्तेमाल किया।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन पर आरोप लगाया कि वह लगातार आर्थिक और रणनीतिक रूप से अमेरिका पर बढ़त हासिल करने की कोशिश करता रहा है। उन्होंने आगे कहा कि चीन ने अमेरिकी उद्योगों और श्रमिकों को नुकसान पहुंचाया है, और अब अमेरिका को अपनी स्थिति मजबूत करनी होगी। “बीजिंग हमेशा बढ़त की तलाश में रहता है। उन्होंने वर्षों तक हमारे देश को लूटा है। अब स्थिति बदल चुकी है, क्योंकि अमेरिका अब और पीछे नहीं हटेगा,” ट्रंप ने कहा।
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब उनकी जल्द ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात होने जा रही है। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात दक्षिण कोरिया में होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन के दौरान हो सकती है। इस बैठक में दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव को कम करने के उपायों पर चर्चा की संभावना है।
इंटरव्यू में ट्रंप ने यह भी कहा कि “मेरे और शी जिनपिंग के बीच अच्छे संबंध हैं, लेकिन अमेरिका को एक निष्पक्ष समझौता चाहिए। यह केवल तभी संभव है जब चीन अपनी नीतियों में पारदर्शिता लाए।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि चीन के साथ बातचीत आसान नहीं होगी, क्योंकि वह केवल ताकत का सम्मान करता है। डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते आर्थिक तनाव के बीच आया है, जो वैश्विक बाजारों पर भी असर डाल सकता है। दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध की स्थिति ने पहले भी वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया था, और अब एक बार फिर दुनिया की नज़र ट्रंप-शी मुलाकात पर टिकी है।





