भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के लिए तय की गई डेडलाइन 29 अप्रैल को समाप्त हो गई है। इस डेडलाइन के बाद भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी का सिलसिला तेज़ हो गया है। मंगलवार को अटारी-वाघा बॉर्डर के ज़रिए 110 पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा गया। इन छह दिनों में कुल 887 पाकिस्तानी नागरिक वतन लौट चुके हैं।
लौटने वालों में कई ऐसे लोग भी थे जो भारत में पिछले दो से चार दशक से रह रहे थे। इनमें से कुछ ने भारत में परिवार बसा लिया था। सबसे ज्यादा चर्चा में रहा ओसामा नाम का युवक, जो 2008 में जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में आया था और तब से यहीं रह रहा था। उसने यहीं से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की और अब बैचलर इन कंप्यूटर साइंस के फाइनल सेमेस्टर में है। ओसामा ने बताया कि उसके पास भारतीय आधार कार्ड और वोटर कार्ड भी है।
ओसामा का कहना है कि वह पूरी तरह से मानसिक रूप से टूट चुका है। “मेरा थॉट प्रोसेस काम नहीं कर रहा है, टोटली ब्लैंक हूं,” उसने कहा। ओसामा भारत में जॉब की तैयारी कर रहा था लेकिन अब अचानक वतन वापसी से उसका भविष्य अधर में लटक गया है।
भारत में ब्याही गई कई पाकिस्तानी महिलाओं को भी लौटाया गया है। वाघा बॉर्डर पर विदाई के दौरान माहौल बेहद भावुक था। प्रशासन ने सभी लोगों को नियमों के तहत वापस भेजा है।

Author: Sweta Sharma
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