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भारत निर्वाचन आयोग के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के 111 कार्मिकों ने किया प्रतिभाग

प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी भी रहे उपस्थित

उ0प्र0 के श्रावस्ती, चन्दौली, महोबा जनपदों के जिला निर्वाचन अधिकारी सहित कटरा बाजार (गोण्डा), महसी (बहराइच), गोरखपुर ग्रामीण (गोरखपुर), खड्डा (कुशीनगर), महादेवा (एससी) (बस्ती), इटवा (सिद्धार्थनगर), गरौठा (झांसी), उरई (एससी) (जालौन), जमनिया (गाजीपुर), मछलीशहर (एससी) (जौनपुर) विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों ने दिल्ली स्थित भारत लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन संस्थान में दो दिवसीय (23 व 24 जून) चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। साथ ही गोण्डा के 07, बहराइच के 07, बलरामपुर के 04, श्रावस्ती के 02, गोरखपुर के 09, देवरिया के 07, कुशीनगर के 07, महराजगंज के 05, बस्ती के 05, संतकबीर नगर के 03, सिद्धार्थनगर के 05, झांसी के 04, जालौन के 03, ललितपुर के 02, वाराणसी के 08, चन्दौली के 04, गाजीपुर के 07 तथा जौनपुर के 09 बीएलओ सुपरवाइजरों सहित इस प्रकार 111 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। इसके अलावा औरैया के 01, फिरोजाबाद के 02, सम्भल के 01 तथा रायबरेली के 01 पूर्व के प्रशिक्षण में छूटे हुए बीएलओ सुपरवाइजर ने भी प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवदीप रिणवा भी मौजूद रहे। यह जानकारी संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री विनय पाठक ने आज यहां दी।

बूथ स्तर अधिकारियों (बीएलओ) पर्यवेक्षकों के लिए 13वें बैच का प्रशिक्षण आज नई दिल्ली स्थित भारत लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) में शुरू हुआ। भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) श्री ज्ञानेश कुमार ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया और 379 प्रतिभागियों (उत्तर प्रदेश से 111, मध्य प्रदेश से 128, नागालैंड से 67, मेघालय से 66 और चंडीगढ़ से 7) को संबोधित किया। नई दिल्ली में पिछले तीन महीनों में ईसीआई द्वारा 5,000 से अधिक बीएलओ/बीएलओ पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि ये प्रशिक्षण कार्यक्रम यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं कि चुनावों की तैयारी, मतदाता सूचियों और चुनाव प्रक्रिया का कार्य पूरी तरह से ’जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951’, ’मतदाता पंजीकरण नियम 1960’, ’चुनाव संचालन नियम 1961’ और समय-समय पर ईसीआई द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार की जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में कानून से अधिक पारदर्शी कुछ नहीं हो सकता और भारत में चुनाव भी इसी सिद्धांत पर आधारित हैं।

सीईसी ने यह भी बताया कि प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के माध्यम से अंतिम मतदाता सूचियों के विरुद्ध प्रथम और द्वितीय अपील की प्रक्रियाओं से अवगत कराया जाएगा, जो कि जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24(क) के तहत और राज्य/संघ शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) द्वारा धारा 24(ख) के तहत प्रकाशित होती हैं। उन्होंने बीएलओ और बीएलओ पर्यवेक्षकों को प्रोत्साहित किया कि वे क्षेत्रीय सत्यापन के दौरान मतदाताओं को इन प्रावधानों की जानकारी दें।

यह प्रशिक्षण प्रतिभागियों की व्यावहारिक समझ को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, विशेषकर मतदाता पंजीकरण, फॉर्म हैंडलिंग और क्षेत्र-स्तरीय चुनाव प्रक्रिया के क्रियान्वयन के क्षेत्रों में, प्रतिभागियों को आईटी टूल्स पर भी व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, ईवीएम और वीवीपैट्स की तकनीकी जानकारी और मॉक पोल का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि 6 से 10 जनवरी 2025 तक की विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण प्रक्रिया के बाद मेघालय, नागालैंड, मध्य प्रदेश, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश से कोई भी अपील दायर नहीं की गई।

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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