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स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती: युवाओं के लिए प्रेरणा और विचारों की अमूल्य धरोहर

स्वामी विवेकानंद, भारतीय संस्कृति, आध्यात्म और मानवता के प्रतीक, आज भी समाज सुधारक और प्रेरणा के स्तंभ के रूप में याद किए जाते हैं। उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता, बंगाल में हुआ था। हर वर्ष उनकी जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1984 में भारत सरकार ने उनकी जयंती को युवाओं को समर्पित इस दिवस के रूप में मान्यता दी।
2025 में स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती मनाई जा रही है। उनके ओजस्वी भाषण और अनमोल विचार न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में आज भी प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। उन्होंने युवाओं के भीतर आत्मनिर्भरता और क्रांति की भावना पैदा की।
स्वामी विवेकानंद के विचार:
  • “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।”
  • “जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे। खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल बनोगे।”
  • “संगति आपको ऊंचा उठा भी सकती है और गिरा भी सकती है।”
  • “जो धन दूसरों की भलाई में काम आए, वही सच्चा धन है।”
स्वामी विवेकानंद ने जीवनभर युवाओं को आत्मनिर्भर बनने, समाज सेवा के लिए तत्पर रहने और मानवता के लिए कार्य करने की प्रेरणा दी। उनकी शिक्षाएं और विचार आज भी युवाओं के लिए मार्गदर्शक हैं और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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