विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में ग्रामीण पर्यटन की
अहम भूमिका होगी
ईको पर्यटन, फॉर्म स्टे एवं होमस्टे के लिए उ0प्र0 में उच्चस्तरीय
अवस्थापना सुविधाएं
प्रदेश के सीमावर्ती गांवों को पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए 07 जिलों के 35 गांवों को टूरिस्ट विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है-जयवीर सिंह
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक विकसित भारत का विकसित उत्तर प्रदेश तथा आत्मनिर्भर भारत का आत्मनिर्भर उ0प्र0 बनाने के संकल्प को पूरा करने में पर्यटन सेक्टर का अहम योगदान होगा। पर्यटन एक उभरता हुआ सेक्टर है, जिसमें मनोरंजन के साथ रोजगार एवं अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की अपार संभावनाएं है। बदलते भारत में पर्यटन अब कुछ स्थलों तक सीमित न रहकर गांव की ओर बढ़ रहा है। यह देश एवं उ0प्र0 के लिए प्रसन्नता का विषय है। भारत के गांव भी बदलाव के दौर से गुजर रहें हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पारम्परिक सोच के अलावा ईको टूरिज्म, रूरल टूरिज्म तथा होम स्टे एवं फॉर्म स्टे पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
पर्यटन मंत्री आज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ग्रामीण पर्यटन कान्क्लेव-2025 के शुभारम्भ के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यटन पहले कुछ खास वर्गों तक सीमित था। देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होने से आम आदमी की आमदनी में बढ़ोत्तरी हुई है, जिससे हर व्यक्ति पर्यटन में रूचि ले रहा है। कोरोना कालखंड के बाद लोगों की जीवनशैली बदली है। भौतिक जीवन से उबे हुए लोग अब प्रकृति के सानिध्य में रहना चाहते हैं। उनके लिए ईको टूरिज्म एवं रूरल टूरिज्म बहुत पसंद आ रहा है। उ0प्र0 सरकार इसको बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर सुविधायें सृजित कर रही है।

जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यटन की ग्रोथ के लिए सुरक्षा एवं बेहतर कनेक्टिविटी जरूरी है। पर्यटक कम समय में अधिक से अधिक स्थलों तक पहुंचना चाहता है। इसको दृष्टिगत रखते हुए मा0 प्रधानमंत्री की प्रेरणा एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल मार्गदर्शन मंे उ0प्र0 कानून व्यवस्था के क्षेत्र में सर्वाधिक सुरक्षित प्रदेश एवं उच्चस्तरीय कनेक्टिविटी जैसे रेल, वायु, जल परिवहन आदि की सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही है। गांव में होमस्टे, फॉर्म स्टे, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है, यही कारण है कि उ0प्र0 घरेलू पर्यटन में पहले स्थान पर और विदेशी पर्यटन में अग्रणी स्थान प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है। इससे ग्रामीण होमस्टे संचालकों आदि को व्यवसाय मिलेगा तथा अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि हमारे गांव केवल कृषि परम्पराओं के केन्द्र नहीं है बल्कि समृद्ध संस्कृति, लोककला, हस्तशिल्प और खुशहाल जीवनशैली के भी जीवंत उदाहरण है। ग्रामीण पर्यटन हमारे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने और युवाओं के लिए रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं लेकर चल रहे हैं। यह कान्क्लेव ग्रामीण पर्यटन से जुड़े विविध पहलुओं को प्रस्तुत करेगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन को शहरों एवं ऐतिहासिक स्थलों तक सीमित न रखकर गांवों के अंतिम सिरे तक पहुंचाना है। ऐसे ही प्रयास आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को पूर्ण करेंगे। मुझे विश्वास है कि इस कान्क्लेव में विविध क्षेत्रों के लोग मिलकर ग्रामीण पर्यटन की सम्भावनाओं और चुनौतियों पर गम्भीर विचार मंथन करेंगे। ताकि उ0प्र0 घरेलू पर्यटकों के लिए नहीं बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित कर सकेगा।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री मुकेश मेश्राम ने कान्क्लेव को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे गांव ही देश की आत्मा हैं। गांव में गंवई संस्कृति की झलक मिलती है जो मनुष्य को मनुष्यता की ओर ले जाती है। रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए उ0प्र0 के 234 गांवों का चयन किया गया है। पर्यटन से जुड़ी इकाईयों को सब्सिडी देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इस अवसर पर पर्यटन मंत्री ने 40 फॉर्म स्टे संचालकों और उनसे जुड़े महानुभावों को प्रमाण पत्र वितरित कर सम्मानित किया। कान्क्लेव को विधान परिषद सदस्य धर्मेन्द्र सिंह, पद्मश्री रामशरण वर्मा, आयुक्त निबंधक एवं सहकारिता योगेश कुमार, विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के प्रमुख सचिव बी0एल0 मीणा आदि ने सम्बोधित किया एवं सुझाव दिये। इस अवसर पर निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्र के अलावा बड़ी संख्या में होमस्टे संचालक, पर्यटन विभाग के अधिकारी एवं अन्य विभागों से आये विशेषज्ञ मौजूद थे।
Author: Sweta Sharma
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