निश्चय टाइम्स, डेस्क। आठवें राष्ट्रीय पोषण माह 2025 का समापन समारोह शुक्रवार को हिमालयन कल्चरल सेण्टर, देहरादून में आयोजित किया गया। इस अवसर पर भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। यह आयोजन पोषण जागरूकता, सामुदायिक सहभागिता और व्यवहार परिवर्तन को समर्पित एक माह लंबे जन आंदोलन के समापन का प्रतीक रहा। समारोह में उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या, उत्तराखंड के कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी, भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव लव अग्रवाल, उत्तराखंड महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के सचिव चंद्रेश कुमार यादव तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की संयुक्त सचिव राधिका झा भी उपस्थित रहीं। राष्ट्रीय पोषण माह के समापन अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए सावित्री ठाकुर ने कहा कि पोषण केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह भारत के प्रत्येक बच्चे और माँ के प्रति हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी और नैतिक प्रतिबद्धता है।” उन्होंने कहा कि 8 मार्च 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ किया गया पोषण अभियान अब एक परिवर्तनकारी जन आंदोलन बन चुका है, जो अनेक मंत्रालयों और नागरिकों को एक साझा दृष्टिकोण — “सशक्त नारी, सुपोषित भारत” के तहत जोड़ता है। उन्होंने कहा कि जीवन के पहले 1000 दिन गर्भावस्था से लेकर बच्चे के दो वर्ष की आयु तक विकास और वृद्धि के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि स्वस्थ माँ एक सशक्त पीढ़ी को जन्म देती है, जब हर घर की थाली संतुलित होती है, तभी देश सशक्त बनता है।
सावित्री ठाकुर ने स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार के महत्व पर बल देते हुए कहा कि महिलाएँ प्रत्येक परिवार की आधारशिला हैं। उन्होंने मन की बात कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि मोटापा आज एक बड़ी समस्या बन चुका है, और पोषण माह का उद्देश्य जनभागीदारी के माध्यम से पोषण को एक जन आंदोलन बनाना है। उन्होंने कहा कि इस बार का पोषण माह इसलिए भी खास रहा क्यूंकि इस बार केवल महिलाएँ ही नहीं, बल्कि पुरुष और युवा भी पोषण माह का अभिन्न हिस्सा बने हैं, जिससे यह वास्तव में समावेशी अभियान बना। उन्होंने कहा कि आज के सुपोषित भारत के बच्चे ही वर्ष 2047 के सुपोषित भारत के नागरिक होंगे। उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की भी सराहना की और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयासों पर बल दिया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सावित्री ठाकुर ने इस दौरान उत्तराखंड महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और स्टाल्स पर मौजूद लोगों और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों से स्टाल्स पर मौजूद सामग्री की जानकरी ली। इस दौरान उन्होंने उत्तराखण्ड के मिल्लेट्स जैसे कोदों, कांवणी, झंगोरा आदि से बने लोकल उत्पादों के बारे में भी जानकरी ली। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम में मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के तहत पोषण चैंपियंस को सम्मानित किया और किशोरियों को महालक्ष्मी किट का वितरण भी किया। साथ ही मिशन शक्ति चैंपियंस को भी सम्मानित किया गया। श्रीमती ठाकुर ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत रूपए एक करोड़ 56 लाख 33 हज़ार की किस्त राज्य के 5211 लाभार्थियों को ट्रांसफर की। कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी का विडियो सन्देश भी प्रसारित किया गया] जिसमें उन्होंने कहा कि पोषण अभियान के तहत भारत सरकार की कोशिश है कि हर बच्चा स्वस्थ हो, हर माँ सशक्त हो। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के धार से पोषण अभियान का शुभारम्भ किया तो उन्होंने सन्देश देते हुआ कहा था कि स्वस्थ नारी सशक्त परिवार विकसित भारत कि आधारशिला है । उन्होंने कहा की 2018 में शुरू हुआ राष्ट्रीय पोषण अभियान आज एक जन आन्दोलन बना गया है। उन्होंने कहा की पोषण अभियान की सफलता का श्रेय देश की लाखों आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, विभाग से जुड़े लोगों को जाता है।

इस वर्ष का आठवाँ पोषण माह छह प्रमुख थीम, सजग भोजन, प्रारंभिक बाल देखभाल एवं शिक्षा, शिशु एवं छोटे बच्चों के लिए पोषण व्यवहार, पुरुषों की भागीदारी, वोकल फॉर लोकल, और समन्वित प्रयास एवं डिजिटलीकरण, पर केंद्रित था, जिसने न केवल वर्तमान में एक आम नागरिक को जागरूक किया, बल्कि वर्ष 2047 के भारत के लिए एक दूरदर्शी नींव भी रखी है।





