सर्दियों के बढ़ते असर के साथ अंडों की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। कोलकाता के बाजारों में अंडे की कीमतों में रातोंरात 25% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। अब एक अंडा 6.5 रुपये से बढ़कर 8 रुपये में बिक रहा है।
बढ़ी कीमतों के कारण
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सर्दियों में बढ़ी मांग: ठंड के मौसम में अंडों की खपत बढ़ जाती है।
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निर्यात में वृद्धि: बांग्लादेश और मलेशिया जैसे देशों में अंडों की भारी मांग देखी जा रही है।
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पोल्ट्री फीड की महंगाई: पोल्ट्री में इस्तेमाल होने वाले मक्के की कीमत 2021 से अब तक 30% बढ़कर 28 रुपये प्रति किलो हो गई है।
निर्यात का बढ़ा दबाव
पश्चिम बंगाल पोल्ट्री फेडरेशन के अनुसार, बांग्लादेश और मलेशिया से नवंबर और दिसंबर में 5 करोड़ अंडों का ऑर्डर मिला था। हालांकि, अभी तक केवल 2 करोड़ अंडे ही निर्यात किए गए हैं।
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बांग्लादेश का भारत पर निर्भरता: घरेलू बाजार को स्थिर रखने के लिए बांग्लादेश भारत से अंडों का आयात कर रहा है।
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अन्य देशों की मांग: ओमान, मालदीव, कुवैत, कतर, और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों में भी भारत के अंडों की बड़ी मांग है।
थोक और खुदरा बाजार में अंतर
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थोक बाजार में अंडे की कीमत 6.7 रुपये प्रति पीस है।
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खुदरा बाजार में यह 7.5 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
पोल्ट्री फेडरेशन का बयान
फेडरेशन के महासचिव मदन मोहन मैती ने कहा,
“देश में अंडों की कोई कमी नहीं है। कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण पोल्ट्री फीड की लागत और बढ़ती मांग है।”
मक्के की कीमतों का असर
मक्के की कीमतों में 2021 से अब तक 30% का उछाल देखा गया है। यह पोल्ट्री उद्योग पर दबाव बढ़ा रहा है, जिससे अंडों की कीमतों में इजाफा हो रहा है।
देशभर में बढ़ी कीमतें
अंडे की कीमतों में बढ़ोतरी सिर्फ पश्चिम बंगाल तक सीमित नहीं है। यह समस्या पूरे देश में देखने को मिल रही है, जहां सर्दियों और निर्यात के कारण अंडे के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं।
सर्दियों में अंडों की बढ़ती मांग और निर्यात के दबाव ने कीमतों को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। पोल्ट्री इंडस्ट्री और सरकार के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है, ताकि घरेलू बाजार स्थिर रहे।

Author: Sweta Sharma
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