वाशिंगटन। हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर भारत–बांग्लादेश के बीच जारी तनाव के बीच अमेरिका ने कहा है कि वह चाहता है कि भारत और बांग्लादेश अपने मतभेद शांतिपूर्ण ढंग से सुलझा लें। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। भारत के विदेश सचिव की हालिया बांग्लादेश यात्रा पर एक सवाल का जवाब देते हुए मिलर ने कहा, हम चाहते हैं कि सभी पक्ष अपनी असहमतियों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाएं।
इस सप्ताह की शुरुआत में अपनी यात्रा के दौरान, विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर नई दिल्ली की चिंताओं से अवगत कराया। मिसरी ने अपनी यात्रा के अंत में ढाका में संवाददाताओं से कहा, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ मिलकर काम करने की भारत की इच्छा को रेखांकित किया है। साथ ही, हमें कुछ हालिया घटनाक्रमों और मुद्दों पर चर्चा करने का भी अवसर मिला, और मैंने अपनी चिंताओं से अवगत कराया, जिसमें अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित चिंताएं भी शामिल थीं।
भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले की घटनाओं का मुद्दा विदेश सचिव स्तर की बैठक के दौरान सोमवार को उठाया, लेकिन ढाका ने इसे भ्रामक और गलत जानकारी करार देते हुए कहा कि किसी भी देश को उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने अपने बांग्लादेशी समकक्ष मोहम्मद जशीमुद्दीन के साथ यह बैठक की।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अपने समकक्ष मोहम्मद जशीमुद्दीन के साथ बैठक के दौरान अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण सहित भारत की चिंताओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा, हमने सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनयिक संपत्तियों पर हमलों की कुछ खेदजनक घटनाओं पर भी चर्चा की। हम कुल मिलाकर, बांग्लादेश के अधिकारियों द्वारा इन सभी मुद्दों पर एक रचनात्मक दृष्टिकोण की उम्मीद करते हैं। हम संबंधों को सकारात्मक, दूरदर्शी और रचनात्मक दिशा में आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं।
शेख हसीना अपनी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद पांच अगस्त को भारत चली गई थीं जिसके बाद भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में आई गिरावट के बीच दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच यह मुलाकात हुई।
