बेंगलुरु में रहने वाले जौनपुर के दामाद अतुल सुभाष की आत्महत्या ने पूरे देश में सनसनी मचा दी है। आत्महत्या से पहले लिखे गए उनके सुसाइड नोट और वीडियो ने पत्नी, न्यायिक व्यवस्था और भ्रष्टाचार के गंभीर पहलुओं को उजागर किया है।
सुसाइड नोट से खुलासे
अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में कोर्ट की सुनवाई, पत्नी के आरोप, और भ्रष्टाचार के चलते टूटने का उल्लेख किया है। उन्होंने लिखा कि पत्नी निकिता के तानों और आत्महत्या के लिए उकसाने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया।
पत्नी का ताना और जज का ठहाका
अतुल ने लिखा कि परिवार अदालत की सुनवाई के दौरान उन्होंने जज रीता कौशिक से कहा कि झूठे मुकदमों के कारण लोग मर जाते हैं। इस पर उनकी पत्नी ने कहा, “आप भी ऐसा क्यों नहीं करते?” यह सुनकर जज ने ठहाका लगाया। अतुल ने कहा, “पत्नी ने मुझे मरने का रास्ता दिखाया, और मैंने वही चुना।”
भारी भरकम पैसों की मांग और रिश्वत का आरोप
अतुल ने सुसाइड नोट में आरोप लगाया कि पत्नी ने पहले 1 करोड़ और बाद में 3 करोड़ रुपये की मांग की। उनके खिलाफ 9 मुकदमे दर्ज थे, जिनमें 6 ट्रायल कोर्ट और 3 हाईकोर्ट में चल रहे थे। उन्होंने बताया कि दो साल में 120 तारीखें लगने से वे मानसिक और आर्थिक रूप से टूट चुके थे। जौनपुर की जज रीता कौशिक और उनके स्टाफ पर मामले के निपटारे के लिए 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया।
अंतिम इच्छाएं: पत्नी और परिवार पर प्रतिबंध
सुसाइड नोट में अतुल ने अपनी अंतिम इच्छाएं स्पष्ट कीं:
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उनकी पत्नी और उसके परिवार वालों को उनके शव के पास आने नहीं दिया जाए।
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बेटे की कस्टडी उनके माता-पिता को दी जाए।
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पत्नी और उसके परिवार को सजा मिलने तक उनकी अस्थियां विसर्जित न की जाएं। यदि सजा नहीं मिलती है, तो उनकी अस्थियों को अदालत के बाहर गटर में बहा दिया जाए।
कर्नाटक अदालतों पर भरोसा
अतुल ने उत्तर प्रदेश की न्यायिक प्रणाली पर अविश्वास जताते हुए कर्नाटक की अदालतों पर भरोसा किया और वहां मुकदमा चलाने की मांग की।
सिस्टम और समाज पर सवाल
अतुल सुभाष की आत्महत्या ने न्यायिक व्यवस्था, रिश्तों में बढ़ते तनाव, और भ्रष्टाचार पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। उनकी अंतिम इच्छाएं और सुसाइड नोट देश भर में चर्चा का विषय बन गए हैं।
पुलिस जांच जारी
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। न्यायिक भ्रष्टाचार के आरोपों और अतुल की मौत के पीछे के अन्य कारणों की गहराई से जांच की जा रही है। वहीं, यह घटना समाज को रिश्तों की कड़वी सच्चाई और न्याय की आवश्यकता पर सोचने को मजबूर कर रही है।

Author: Sweta Sharma
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