मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रामेश्वर नाइक को मुख्यमंत्री राहत कोष का प्रमुख नियुक्त किया है। नाइक ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और शिवसेना अध्यक्ष एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाने वाले मंगेश चिवटे की जगह ली है। चिवटे को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के बाद जून 2022 में मुख्यमंत्री राहत कोष का प्रमुख नियुक्त किया था. नाइक पूर्ववर्ती सरकार में उप-मुख्यमंत्री के चिकित्सा सहायता प्रकोष्ठ के प्रमुख थे। उस समय फडणवीस उप-मुख्यमंत्री थे।
हाल ही में महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच राजनीतिक समीकरणों में लगातार बदलाव देखने को मिल रहे हैं। 2022 में शिंदे द्वारा शिवसेना के कई विधायकों के साथ बगावत करने के बाद, शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई, और फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री का पद संभाला। हालांकि, यह गठबंधन कई प्रकार की चुनौतियों और संघर्षों से गुजर रहा है, जिसमें दोनों नेताओं के बीच शक्ति का संतुलन और राजनीतिक प्रभाव के लिए प्रतिस्पर्धा प्रमुख है।
मुख्यमंत्री राहत कोष प्राकृतिक आपदाओं या दुर्घटनाओं में मृत्यु होने पर या गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए पात्र परिवारों और व्यक्तियों को सहायता प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री फडणवीस पर यह आरोप लगे हैं कि वे शिंदे के करीबी नेताओं और सहयोगियों को धीरे-धीरे पार्टी और सरकार से बाहर कर रहे हैं या उनके प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। यह आरोप आमतौर पर उन नेताओं द्वारा लगाए जाते हैं जो महसूस करते हैं कि उनकी स्थिति कमजोर हो रही है या उनके साथ अन्याय हो रहा है। ऐसी स्थिति में, फडणवीस और भाजपा की रणनीति शिंदे के प्रभाव को सीमित करने और पार्टी के अंदर अपने खुद के वफादार नेताओं को मजबूत करने की हो सकती है।
देवेंद्र फडणवीस ने ये फेरबदल ऐसे समय में किया है जब 14 दिसंबर तक कैबिनेट विस्तार होने की संभावना है. इसी के मद्देनजर फडणवीस बुधवार (11 दिसंबर) को दिल्ली पहुंचे हैं. अजित पवार भी दिल्ली में हैं। हालांकि एकनाथ शिंदे दिल्ली नहीं आए हैं।
राजनीतिक दृष्टि से, ऐसा भी हो सकता है कि फडणवीस और उनकी टीम शिंदे के प्रभाव को कम करने के लिए उनके करीबी नेताओं को पार्टी और सरकार से अलग कर रही हो। इससे शिंदे के पक्ष को कमजोर करने और भाजपा के प्रभुत्व को बनाए रखने की कोशिश हो सकती है।
यह राजनीतिक संघर्ष महाराष्ट्र की राजनीति को और भी जटिल बना रहा है, जहां दोनों नेताओं के बीच तालमेल और सामंजस्य बनाए रखना कठिन हो रहा है। इस संघर्ष का असर न केवल दोनों नेताओं की पार्टियों पर पड़ सकता है, बल्कि राज्य की शासन व्यवस्था पर भी प्रभाव डाल सकता है।
आगे आने वाले समय में इन घटनाओं से जुड़ी और जानकारी मिल सकती है, जो यह स्पष्ट करेगी कि यह आरोप कितना सही है और दोनों नेताओं के बीच रिश्तों का भविष्य क्या होगा।
एक बीजेपी नेता ने कहा कि शिवसेना को गृह विभाग नहीं मिलेगा और राजस्व विभाग भी उसे दिये जाने की संभावना नहीं है। बता दें कि शिवसेना नेता पार्टी के लिए गृह मंत्रालय मांग रहे हैं।
बीजेपी नेता ने कहा कि शिवसेना को शहरी विकास विभाग मिल सकता है, लेकिन राजस्व विभाग मिलने की संभावना नहीं है। बीजेपी के मुख्मयंत्री समेत 21 -22 मंत्री पद रखने की संभावना है। उन्होंने कहा कि चार-पांच मंत्री पद खाली रखे जा सकते हैं।
महायुतिगठबंधन ने विधानसभा चुनाव में 288 में से 230 सीटों पर जीत हासिल की है। पांच दिसंबर को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नई सरकार में एनसीपी प्रमुख अजित पवार और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम बने हैं. अब राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मंथन जारी है।
