रांची। झारखंड स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (JSSC) द्वारा आयोजित CGL (कॉमन ग्रेजुएट लेवल) परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को लेकर राज्य भर के छात्रों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। छात्रों का आरोप है कि परीक्षा में भारी धांधली हुई है, जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है। छात्रों ने हजारीबाग जिले में प्रदर्शन किया। इस बीच छात्र और पुलिस के बीच टकराव की स्थिति भी देखने को मिली, जहां पुलिस ने छात्रों पर जमकर लाठियां बरसाई थीं। इस विवाद ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। झारखंड के विभिन्न हिस्सों से छात्रों ने जेएसएससी दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया था।
विरोध प्रदर्शन के पीछे मुख्य मुद्दा यह है कि छात्र-छात्राओं का आरोप है कि सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी और असमानता की स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्हें यह भी शिकायत है कि आयोग ने चयन प्रक्रिया में निष्पक्षता बरतने में नाकामयाबी दिखाई है, जिससे उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है। छात्रों का कहना है कि परीक्षा के प्रश्न पत्र में अनियमितताएँ थीं और परिणामों के सार्वजनिक होने के बाद भी आयोग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
13 दिसंबर को, बड़ी संख्या में छात्र जेएसएससी दफ्तर का घेराव करने के लिए पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोका और उन्हें धक्का देकर वहां से हटा दिया। छात्रों का आरोप था कि परीक्षा में अंकों की गड़बड़ी और गलत तरीके से चयन प्रक्रिया की गई है, जिससे कई योग्य उम्मीदवारों को नुकसान हुआ है। छात्रों ने यह भी कहा कि कई उम्मीदवारों के प्रश्न पत्र में गड़बड़ी थी और कई स्थानों पर परीक्षा की शुचिता पर सवाल उठाए जा रहे थे।
पुलिस के विरोध के बावजूद छात्र लगातार अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे विरोध जारी रखेंगे। छात्रों ने जेएसएससी से परीक्षा की प्रक्रिया की पुनः जांच की मांग की है और निष्पक्ष जांच की बात कही है।
छात्रों का यह आंदोलन पिछले कुछ दिनों से उग्र रूप ले चुका था। कई छात्र संगठनों ने इस मामले में जेएसएससी के खिलाफ प्रदर्शन किया था और आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग की थी। रांची में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में छात्रों ने आरोप लगाया कि परीक्षा के दौरान तकनीकी खामियों के कारण उनके प्रयासों को विफल किया गया और उन्हें न्याय नहीं मिल पाया।
इससे पहले, प्रदर्शनकारी छात्र रांची के झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय के बाहर इकट्ठा हो गए थे और जब वे कार्यालय की ओर बढ़ने लगे तो पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक खदेड़ दिया। पुलिस का कहना था कि उन्हें कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाना पड़ा।
छात्रों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो वे आगे भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। वे मांग कर रहे हैं कि सीजीएल परीक्षा की प्रक्रिया में सुधार किया जाए और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में ऐसे विवाद न उत्पन्न हों।
वर्तमान में जेएसएससी द्वारा इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन छात्रों का विरोध तेज़ी से बढ़ता जा रहा है और इसने राज्य सरकार और आयोग के लिए एक चुनौती खड़ी कर दी है।
विरोध प्रदर्शन में शामिल एक छात्र ने कहा, “हमने इस परीक्षा की तैयारी के लिए कई महीनों तक कठिन मेहनत की थी, लेकिन अब जब परीक्षा में गड़बड़ियां सामने आई हैं, तो हम अपनी मेहनत का फल नहीं पा पा रहे हैं। हम चाहते हैं कि जेएसएससी इस मामले की निष्पक्ष जांच करे और हमें न्याय मिले।”
राज्य सरकार और जेएसएससी पर छात्रों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकार के प्रतिनिधियों ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है और जल्दी समाधान की बात की है। लेकिन छात्रों का कहना है कि केवल बयानबाजी से काम नहीं चलेगा, वे न्याय के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार हैं।
इस विवाद के बाद, परीक्षा से जुड़े अधिकारियों की भूमिका और परीक्षा प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं, जिससे छात्र समुदाय में निराशा और गुस्सा फैलता जा रहा है।
