प्रयागराज। प्रयागराज में मेला क्षेत्र के पुलिस लाइन, प्रशिक्षण सभागार में महाकुम्भ 2025 के दौरान आपदा प्रबंधन की कार्यवाहियों को बेहतर करने के उद्देश्य से टेबल टॉप एक्सरसाइज बैठक का आयोजन उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, (से.नि.) , विजय विश्वास पंत, आईएएस, मण्डलायुक्त प्रयागराज, एडीजी ज़ोन प्रयागराज, भानु भास्कर, आईपीएस एवं प्रयागराज पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा, आईपीएस की उपस्थिति में किया गया।
बैठक को संबोधित करते हुए प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने बताया कि महाकुम्भ आयोजन को सुगम एवं सुरक्षित बनाने हेतु आपदा प्रबंधन का विशेष महत्व है। आपदा प्रबंधन के सभी पहलुओं पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है जिसमें कि एक महत्वपूर्ण पहलू सभी विभागों एवं एजेन्सियों का आपसी समन्वय एवं पूर्व अभ्यास है। प्रदेश में अब 10000 से अधिक युवा आपदा मित्र के रूप में प्रशिक्षित हो चुके हैं जो कि महाकुम्भ-2025 में आपदा प्रबंधन के कार्यों हेतु प्रशासन के साथ मिलकर अपनी स्वयं सेवा प्रदान करेंगे।
राजेंद्र सिंह, सदस्य एवं विभाग प्रमुख, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, नई दिल्ली ने अपने संबोधन में बताया कि यूपीएसडीएमए द्वारा महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में आपदा प्रबंधन के लिए टेबलटॉप एक्सरसाइज़ का आयोजन सभी एजेंसियों को आपदा प्रबंधन योजना की प्रभावशीलता का आंकलन करने एवं अपने योजना की तैयारियों में मौजूद कमियों और सुधार के क्षेत्रों को पहचानने में सहायक होगा साथ ही अन्य प्रदेशों के लिए एक केस स्टडी के रूप में सहयोगी भी होगा।
एनडीआरएफ के महानिदेशक पीयूष आनंद, आईपीएस ने बताया कि महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में राष्ट्रीय आपदा मोचक बल (NDRF) की भूमिका आपदा प्रबंधन और टेबलटॉप एक्सरसाइज़ अभ्यास में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
टेबलटॉप एक्सरसाइज़ की कार्यवाही ब्रिगेडियर अजय गंगवार, सलाहकार, यूपीएसडीएमए, डॉ आशु पांडे, मुख्य चिकित्साधिकारी प्रयागराज एवं अग्निशमन अधिकारी, श्री प्रमोद कुमार शर्मा ने किया।
टेबलटॉप एक्सरसाइज़ को तीन सत्र में आयोजित किया गया | पहले सत्र में मेला क्षेत्र में पैदल एवं वाहन यातायात, आवश्यक सेवाएँ, अन्य व्यवस्थाएँ की स्थिति पर चर्चा की गई|दूसरे सत्र में मेला क्षेत्र के बाहर जनपद प्रयागराज की मुख्य सड़कों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैन्ड इत्यादि में भीड़ प्रबंधन पर चर्चा की गई|तीसरे सत्र में मेला क्षेत्र के अंतर्गत अग्निशमन, डूबना और स्वास्थ्य संबंधी जोखिम की संभावित स्थितियों पर विभागों की योजनाओं और प्रतिक्रियाओं पर चर्चा हुई|एडीजी ज़ोन प्रयागराज भानु भास्कर ने बताया कि महाकुंभ 2025 के दृष्टिगत सभी संभावित खतरों का आंकलन कर लिया गया है तथा सभी सुरक्षा एजेंसियों को आपसी समन्वय बना कर कार्य करने के निर्देश दिये गए है।

प्रयागराज पुलिस कमिश्नर श्री तरुण गाबा, ने बताया कि मेला क्षेत्र के अंतर्गत संभावित आपदा की दृष्टि से यह टेबलटॉप एक्सरसाइज़ महत्वपूर्ण भूमिका रखता है | सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं विभागीय अधिकारियों को आपदा के दौरान कैसे प्रतिक्रिया करनी है, इसकी जानकारी महाकुंभ 2025 को सुगम एवं सुरक्षित बनाने मे अत्यंत सहयोगी होगी | एसएसपी कुम्भ मेला राजेश द्विवेदी ने कहा की आपदा बिना बताये आती है ,इससे बचाव के लिए पहले से तैयार रहना जरुरी है। और ये प्रशिक्षण किसी भी आपदा से लड़ने के लिए काफी मददगार साबित होगा। उन्होंने टेबल टॉप एक्सरसाइज में प्रतिभाग किये सभी विभागों को धन्यवाद ज्ञापित किया
आज के टेबलटॉप एक्सरसाइज़ एक्सरसाइज में भारत सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, नई दिल्ली के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, नई दिल्ली, परमाणु ऊर्जा विभाग, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, नई दिल्ली, नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान (आईएनएमएएस), भारतीय थल सेना एवं भारतीय रेलवे के प्रतिनिधि तथा मेला प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी, जनपद प्रयागराज के राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, अग्निशमन विभाग, पुलिस यातायात, संचार, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा अन्य विभागों के अधिकारी तथा एसडीआरएफ के अधिकारी तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण प्रयागराज, मथुरा, चित्रकूट, अयोध्या, वाराणसी, श्रावस्ती, मिर्जापुर एवं गोरखपुर के अधिकारी मौजूद थे।
पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश श्री प्रशांत कुमार ने कुम्भ मेला मे टेबल टॉप एक्सरसाइज़ की सराहना करते हुए बताया कि ” आपदा प्रबंधन के लिए टेबल टॉप अभ्यास का विशेष महत्व है क्योंकि यह सुरक्षा एजेंसियों, पुलिस और अन्य स्टेकहोल्डर्स को एक मंच पर लाकर समन्वय स्थापित करता है। यह अभ्यास न केवल संभावित खतरों का आकलन करता है, बल्कि आपदा के समय त्वरित और प्रभावी निर्णय लेने की तैयारी को भी मजबूत करता है। सभी विभागों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान और क्रियान्वयन में एकरूपता लाने के लिए यह बेहद जरूरी है। ऐसे अभ्यासों से हमारी क्षमता और प्रतिक्रिया समय बेहतर होता है, जिससे आम जनमानस को सुरक्षित और संरक्षित रखने में सफलता मिलती है।





