केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे से जुड़ा दिलचस्प किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि एक बार जब वह बाला साहेब ठाकरे के पास गए थे, तब वहां एक गेस्ट के लिए विशेष वाइन लाई गई थी।
बाला साहेब की टिप्पणी पर गडकरी की प्रतिक्रिया
नितिन गडकरी ने बताया कि बाला साहेब ठाकरे ने जब उनकी तरफ देखा तो उन्होंने वाइन पीने से इनकार कर दिया। इसके बाद बाला साहेब ने कहा, “तुम तो चड्ढी छाप हो, इसके लिए गोबर और गोमूत्र से स्पेशल वाइन बनवाओ।” गडकरी ने कहा कि बाला साहेब का यह मजाक एक तरह से उनके प्रति स्नेह और प्रेम का प्रतीक था।
उन्होंने कहा, “बाला साहेब ने जिस तरह से मुझसे अपने विशेष स्नेह का परिचय दिया, वह उनके अद्वितीय व्यक्तित्व की एक झलक थी। यह संवाद हमारे संबंधों को गहराई से व्यक्त करता है।”
खान-पान पर विशेष विचार
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने खान-पान को लेकर भी खुलकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि उन्हें दिल्ली में आलू का पराठा और पनीर बिल्कुल भी पसंद नहीं है। गडकरी ने कहा कि वह शाकाहारी हैं और उनका नॉनवेज से भी कोई नाता नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने अपने पूरे जीवन में कभी शराब नहीं पी है, और यह संस्कार उनकी मां ने उन्हें दिए हैं।
कोविड के दौरान कुकिंग का अनुभव
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कोविड के दौरान उन्होंने अपने महाराष्ट्र वाले घर में कुकिंग का भी अनुभव लिया। उन्होंने कहा कि उन्हें घर में पेड़-पौधों के साथ समय बिताना और बच्चों के साथ खाना पकाने का अनुभव पसंद है।
राजनीति में परिवार की भागीदारी पर विचार
गडकरी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह नहीं चाहते कि उनका परिवार राजनीति में आए। उन्होंने कहा, “मैं नहीं चाहता कि मेरे परिवार से जुड़ा कोई भी व्यक्ति राजनीति में मेरे नाम पर आए। अगर वह अपनी पहचान के दम पर राजनीति में आता है तो स्वागत है।”
इस तरह उन्होंने बाला साहेब ठाकरे के साथ अपने अनुभव को साझा करते हुए भारतीय राजनीति में व्यक्तिगत और पारिवारिक मूल्यों के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

Author: Sweta Sharma
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