संघ प्रमुख मोहन भागवत के ‘हिंदुओं के नेता’ बनने वाले बयान पर समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इकरा हसन ने कहा कि यह पहला अवसर है जब वह मोहन भागवत की बातों से सहमत हैं।
मोहन भागवत के बयान पर इकरा हसन की टिप्पणी
इकरा हसन ने कहा, “भागवत जी की बात से मैं पहली बार सहमत हूं। इन मुद्दों के कारण विकास से जुड़े असली विषय पीछे छूट जाते हैं। मंदिर-मस्जिद के विवादों के चलते जो महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारा मकसद है कि समाज में जो तानाबाना है, उसे बनाए रखें और भाईचारे के साथ देश की प्रगति के लिए काम करें। धार्मिक उन्माद फैलाने वाले लोगों को कोई तवज्जो नहीं दी जानी चाहिए।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया
सांसद इकरा हसन ने भारतीय जनता पार्टी से भी आग्रह किया कि मोहन भागवत की बात को गंभीरता से सुना जाए। उन्होंने कहा, “अगर संघ प्रमुख ने यह बात कही है, तो भारतीय जनता पार्टी को भी इसे सुनना चाहिए और देश की प्रगति के लिए कार्य करना चाहिए।”
दूसरे नेताओं की प्रतिक्रिया
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, “भागवत की राय अच्छी है, लेकिन यह उन लोगों को देना चाहिए जो संयम बनाए रखें और भारत के कानून पर भरोसा करें।” वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने मोहन भागवत की बातों पर सवाल उठाते हुए कहा, “उनकी बात मानता कौन है, यह महत्वपूर्ण है। उनकी बात कोई मानता नहीं है।”
इस प्रकार, मोहन भागवत के बयान पर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं, जिनमें से कुछ इसे सही मानते हैं, तो कुछ इसे आलोचना का पात्र मानते हैं।

Author: Sweta Sharma
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