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भाजपा ने कांग्रेस पर भारत के गलत मानचित्र वाला बैनर लगाने का आरोप लगाया

कर्नाटक। कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हो रही है। हालांकि यह बैठक अपने आयोजन से पहले ही विवाद में फंस गई है। यह मामला तब सामने आया जब कुछ कांग्रेस नेताओं द्वारा जो बैनर पोस्टर लगाए गए हैं, उनमें भारत का गलत नक्शा दिखाया गया है। इसे लेकर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और आरोप लगाया कि नक्शे में जम्मू कश्मीर के पाकिस्तान अधिकृत हिस्से और अक्साई चिन को भारत का हिस्सा नहीं दर्शाया गया है। भाजपा ने इसे देश के एकता और अखंडता पर हमला मानते हुए कांग्रेस पर राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा कृत्य करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस अधिवेशन के लिए लगे पोस्टर बैनर की तस्वीर साझा करते हुए कर्नाटक भाजपा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा है। जिसमें पार्टी ने लिखा कि ‘कर्नाटक कांग्रेस ने भारत की संप्रभुता का अपमान किया है और बेलगावी के कार्यक्रम में भारत का गलत नक्शा दर्शाया है। नक्शे में कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है। ये सब सिर्फ वोटबैंक के तुष्टिकरण के लिए किया जा रहा है। यह बेहद शर्मनाक है।

भाजपा के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस के इस कदम से न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है, बल्कि यह भारत की संप्रभुता के खिलाफ भी है। पार्टी ने इस मुद्दे को संसद और अन्य सार्वजनिक मंचों पर उठाते हुए कांग्रेस से स्पष्टीकरण मांगा। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह कार्रवाई कांग्रेस के ‘विभाजनकारी’ मानसिकता को दर्शाती है और यह दर्शाता है कि पार्टी राष्ट्रवाद और देश की अखंडता के मुद्दे पर असंवेदनशील है।

भाजपा के सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। भाजपा सांसद ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर औऱ अक्साई चिन के हिस्से को भारत के नक्शे से गायब कर दिया गया है। भाजपा ने कहा कि ‘भारत को छिन्न-भिन्न करने वाली शक्तियों के साथ कांग्रेस का गठजोड़ साफ हो गया है। कांग्रेस की तरफ से पहले भी इसी तरह भारत के नक्शे से छेड़छाड़ की गई है। पूर्व में डीएमके ने भारत का गलत नक्शा दिखाया। जिसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चिन को गायब दिखाया गया। कोरोना के समय राहुल गांधी ने भी एक ट्वीट किया था, उसमें भी अक्साई चिन और पीओके गायब था। शशि थरूर ने 21 दिसंबर 2019 को भारत का नक्शा सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें भी गड़बड़ी थी।’

भाजपा ने सवाल किया कि ‘पिछले काफी समय से भारत के नक्शे में जो गड़बड़ी दिखाई जा रही है, वह क्या सिर्फ संयोग है या फिर किसी व्यवस्थित भारत विरोध का हिस्सा है?’ भाजपा ने पूछा कि ‘ये किसके इशारे पर हो रहा है? क्या सोरोस से कोई गुप्त संदेश तो नहीं आ रहा?’

सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि ‘सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान जब देश के पूर्वोत्तर हिस्से को काटने की बात की गई तो कांग्रेस उन लोगों के साथ खड़ी थी। तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है, वे भी उत्तर भारतीयों के खिलाफ गलत आरोप लगा चुके हैं। कांग्रेस लोगों को भाषा, धर्म, जाति के आधार पर लड़ाकर देश की सत्ता हासिल करना चाहती है। हालांकि सरकार और जनता सजग हैं और पैनी नजर इन ताकतों पर रखे हुए हैं और इनके मंसूबे कभी सफल नहीं होंगे।’

हालांकि कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि यह एक गलती थी, जिसे जल्द ही सुधार लिया जाएगा। पार्टी ने कहा कि किसी भी बैनर में यदि कोई गलती हुई है, तो उसे तत्काल ठीक कर लिया जाएगा और इसमें किसी भी प्रकार का नकारात्मक उद्देश्य नहीं था। कांग्रेस ने यह भी कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि तकनीकी गलती का परिणाम था।

यह विवाद तब उठ खड़ा हुआ जब कांग्रेस पार्टी ने एक समारोह के दौरान जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग दिखाने वाले बैनर का उपयोग किया। भाजपा ने इसे तुरंत सोशल मीडिया पर साझा करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस पाकिस्तान समर्थक गतिविधियों में शामिल है और यह जानबूझकर भारत की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है।

इस विवाद ने दोनों प्रमुख दलों के बीच राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि यह दर्शाता है कि विपक्षी दल राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति कितने लापरवाह हैं। वहीं, कांग्रेस ने इसे मात्र एक गलती बताते हुए मामले को शांत करने का प्रयास किया है।

यह विवाद इस बात की ओर भी इशारा करता है कि राजनीतिक दलों के बीच संवेदनशील मुद्दों पर विवाद अक्सर तूल पकड़ सकते हैं, जो देश की एकता और अखंडता के मुद्दों पर गंभीर सवाल खड़ा कर सकते हैं।

कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक 26-27 दिसंबर को कर्नाटक के बेलगावी में हो रही है। कांग्रेस पार्टी इस साल को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सत्र के शताब्दी वर्ष के तौर पर मना रही है। कांग्रेस पार्टी की स्थापना 1924 में हुई थी। कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी समेत सभी शीर्ष नेता शामिल रहेंगे।

Admin Desk
Author: Admin Desk

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