तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने डीएमके सरकार के खिलाफ अपने अनोखे विरोध प्रदर्शन से लोगों का ध्यान खींचा। शुक्रवार को उन्होंने चेन्नई में अन्ना यूनिवर्सिटी की छात्राओं के यौन उत्पीड़न के मामले में राज्य सरकार की विफलता पर नाराजगी जताने के लिए खुद को कोड़े मारे। जब वह यह कर रहे थे, तो उनका एक भावुक समर्थक उनसे लिपट गया। अन्नामलाई ने उसे गले लगाकर शांत किया और प्रदर्शन जारी रखा।
अन्नामलाई का संकल्प: नंगे पैर विरोध
अन्नामलाई ने कहा है कि जब तक द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) सरकार सत्ता में है, वह जूते या सैंडल नहीं पहनेंगे और नंगे पैर चलेंगे। शुक्रवार को उन्होंने अपने घर के बाहर खुद को छह बार कोड़े मारे, ताकि जनता का ध्यान अन्ना यूनिवर्सिटी में हुए अपराध की ओर जाए।
आरोपों की गंभीरता
अन्नामलाई ने डीएमके पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न का आरोपी गणसेकरन डीएमके का पदाधिकारी है। उन्होंने डीएमके नेताओं के साथ आरोपी की तस्वीरें दिखाईं। हालांकि, तमिलनाडु के कानून मंत्री एस. रघुपति ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि आरोपी पार्टी का प्राथमिक सदस्य भी नहीं है।
एफआईआर और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
अन्नामलाई ने एफआईआर में की गई खामियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि इसे इस तरह लिखा गया है जैसे पीड़िता ने कोई अपराध किया हो। उन्होंने द्रमुक सरकार पर पीड़िता की पहचान उजागर करने का आरोप लगाते हुए इसे शर्मनाक बताया।
48 दिन का व्रत और मंदिरों की यात्रा
अन्नामलाई ने घोषणा की है कि वह भगवान मुरुगा की पूजा करते हुए 48 दिन का व्रत (विराथम) करेंगे। इस दौरान वह तमिलनाडु के सभी छह अरुपदई मंदिरों में फरवरी 2025 तक पूजा करेंगे।
राजनीतिक गर्मी और जनता की प्रतिक्रिया
डीएमके सरकार के खिलाफ यह प्रदर्शन राज्य में चर्चा का विषय बन गया है। अन्नामलाई ने स्पष्ट किया कि उनका विरोध केवल न्याय की मांग के लिए है। उनका यह अनोखा विरोध प्रदर्शन न केवल डीएमके सरकार पर दबाव बना रहा है, बल्कि जनता के बीच भी गहरी छाप छोड़ रहा है।

Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.