नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह की मृत्यु की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। 92 वर्षीय डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने लंबे राजनीतिक करियर में देश को कई ऐतिहासिक सुधार और योजनाए दीं, जिनका प्रभाव आज भी देखा जा सकता है।
डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी आर्थिक सुधारवादी सोच और कल्याणकारी नीतियों के लिए जाना जाता है। उनके नेतृत्व में देश ने कई ऐसे कानून और नीतियां अपनाईं, जिन्होंने लाखों नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाया। आइए उनके कार्यकाल में किए गए कुछ ऐतिहासिक बदलावों के बारे में जानते हैं।
शिक्षा का अधिकार कानून (2009) : डॉ. सिंह की सरकार ने हर 6 से 14 साल के बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया. यह कानून बच्चों को उनके मौलिक अधिकार प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ।
सूचना का अधिकार (2005) : इस कानून ने हर भारतीय नागरिक को सरकारी सूचना तक पहुंच का हक़ दिया, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हुई।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (2013) : इस कानून के जरिए देश के दो-तिहाई परिवारों को सस्ती दरों पर खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराया गया। यह कदम गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे परिवारों के लिए वरदान साबित हुआ।
भूमि अधिग्रहण कानून (2013) : विकास परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण करने पर प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा सुनिश्चित किया गया।
वन अधिकार कानून (2006) : आदिवासी समुदाय को उनके परंपरागत भूमि अधिकार वापस दिलाने का ऐतिहासिक कदम था।
मनरेगा (2005) : डॉ. सिंह की सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम लागू किया, जिसने हर ग्रामीण परिवार को साल में 100 दिनों के रोजगार का अधिकार दिया।
1991 के आर्थिक संकट के समय वित्त मंत्री के रूप में डॉ. सिंह ने देश को उदारीकरण की राह पर ले जाते हुए वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई। उनके कार्यकाल में शुरू किए गए सुधारों और नीतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत नींव प्रदान की। उनके निधन पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सहित कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया। देशभर में उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है।
