केरल की नर्स निमिषा प्रिया, जो यमन में एक स्थानीय नागरिक के हत्या के मामले में दोषी पाई गई हैं, को मौत की सजा सुनाई गई है। यमन के राष्ट्रपति राशिद अल-अलीमी ने उनकी अपील खारिज कर सजा की पुष्टि कर दी है। प्रिया को अगले कुछ महीनों में फांसी दी जा सकती है।
भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वे प्रिया की मदद के लिए सभी संभावनाओं पर काम कर रहे हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम यमन में प्रिया की सजा से अवगत हैं और उनकी सहायता के लिए सभी प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।”
36 वर्षीय निमिषा प्रिया का परिवार उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश में जुटा है। उनकी मां ने यमन में जाकर पीड़ित पक्ष से “ब्लड मनी” (मुआवजा) के बदले सजा माफ करने की गुहार लगाई है। यमन के कानून के तहत पीड़ित परिवार से समझौता करने पर सजा रद्द की जा सकती है।
2017 में निमिषा पर यमन के नागरिक तलाल अब्दू महदी की हत्या का आरोप लगा। बताया जाता है कि निमिषा ने महदी को ड्रग्स की ओवरडोज़ दी, जिससे उसकी मौत हो गई। निमिषा का दावा है कि महदी ने उनके क्लीनिक की कमाई पर कब्जा कर लिया था, उनके पासपोर्ट को जब्त कर लिया और धमकाने के लिए उनकी शादी की तस्वीरों से छेड़छाड़ की।
निमिषा ने महदी से बचने के लिए स्थानीय जेल के वार्डन से सलाह ली थी, जिन्होंने उसे नशे की दवा देकर पासपोर्ट वापस लेने का सुझाव दिया। हालांकि, ड्रग्स की ओवरडोज़ से महदी की मृत्यु हो गई, और निमिषा पर हत्या का मुकदमा चलाया गया।
निमिषा प्रिया के इस मामले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं। अगर भारत सरकार और उनका परिवार “ब्लड मनी” के जरिए समझौता नहीं कर पाता, तो उनका जीवन समाप्त हो सकता है।
Author: Sweta Sharma
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