तेल अवीव। इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने मंगलवार को ड्रोन हमले में हमास के नुखबा प्लाटून कमांडर अब्द अल-हादी सबा की मौत की जानकारी दी है। आईडीएफ के मुताबिक, कमांडर सबा ने 7 अक्टूबर 2023 को किबुत्ज नीर ओज पर हुए हमले का नेतृत्व किया था।
इजरायल रक्षा बल ने बताया कि- पश्चिमी खान यूनिस बटालियन में नुखबा प्लाटून कमांडर अब्द अल-हादी सबा को खुफिया जानकारी के आधार पर आईडीएफ और इजराइल सिक्योरिटीज अथॉरिटी (आईएसए) हमले में मार गिराया गया। उन्होंने यह भी कहा- अब्द अल-हादी सबा – जो खान यूनिस में एक शेल्टर से काम करता था। वह 7 अक्टूबर को हत्याकांड के दौरान किबुत्ज नीर ओज में घुसपैठियों को लीड कर रहा था।
इससे पहले, आईडीएफ ने बताया कि शिन बेट (इस्राइल की सामान्य सुरक्षा सेवा) के सहयोग से 14 हमास आतंकवादियों को मार गिराया गया, जिनमें से छह ने 7 अक्तूबर के हमले में भाग लिया था। ये ऑपरेशन आईडीएफ के 162वें ‘स्टील’ डिवीजन की गाजा पट्टी में चल रही गतिविधि के हिस्से के रूप में किए गए थे।
दरअसल, हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था। जिसके बाद से आईडीएम और आईएसए मिलकर उन आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं जो इस हमले में शामिल थे।
हमास द्वारा 7 अक्टूबर को किए गए हमले में 1,200 से भी ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। वहीं, 250 से अधिक लोगों को बंदी बनाया गया। इन बंधकों में से करीब सौ लोग अभी तक कैद हैं।
हमास के हमले के बाद इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई की। इजरायल ने गाजा में हमास के ठिकानों को निशाना बनया। इन हमलों में 45 हजार से भी ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। फिलहाल हमास और इजरायल के बीच कुछ भी ठीक नहीं है। दोनों आए दिन एक दूसरे पर हमले करते रहते हैं।
बता दें कि 7 अक्तूबर को हमास ने इस्राइल पर बड़ा आतंकी हमला किया था, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए और 250 से ज्यादा बंधक बना लिए गए थे। लगभग 100 बंधक अभी भी कैद में हैं, जिनमें से कई के मारे जाने की आशंका है।
इस्राइल ने हमले के जवाब में गाजा में हमास के ठिकानों पर हमले किए, जिसके कारण गाजा में 45,000 से अधिक फलस्तीनी लोग हताहत हुए। इस बढ़ते नागरिक नुकसान के चलते वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं और युद्धविराम की मांग बढ़ रही है।
संघर्ष में और भी वृद्धि हुई है, क्योंकि यमन के हूती विद्रोही और लेबनान के हिजबुल्ला ने इस्राइल पर हमले तेज कर दिए हैं, जिससे इस्राइल को कई मोर्चों पर लड़ने को मजबूर होना पड़ा है।





