नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने नए साल के पहले दिन किसानों के लिए बड़े फैसले किए हैं। केंद्र सरकार ने किसान हितों को ध्यान में रखते हुए 2025 तक फर्टिलाइजर पर सब्सिडी की व्यवस्था जारी रखने का निर्णय लिया है। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी दे दी है। इसके साथ फर्टिलाइजर पर सब्सिडी जारी रहेगी। डीएपी खाद का 50 किलोग्राम का बैग 1350 रुपए में ही मिलता रहेगा। डीएपी खाद का बैग बाजार में लगभग 2400-2500 रुपए की कीमत पर बिकता है, लेकिन केंद्र सरकार ने इसके उपर भारी सब्सिडी लागू की है ताकि किसानों को कम कीमत पर यह खाद मिल सके और कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिले।
सरकार के इस कदम से किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी, खासकर उन क्षेत्रों में जहां डीएपी का उपयोग अधिक होता है। डीएपी खाद मुख्यतः फसल की जड़ों को मजबूत बनाने और उत्पादन बढ़ाने में सहायक होती है। यह खाद गेंहू, चावल, मक्का, दलहन और तिलहन जैसी फसलों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसके साथ ही, सरकार ने यह भी कहा है कि फर्टिलाइजर कंपनियों को भी यह निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों तक खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करें और किसी भी स्थिति में कमी न होने पाए।
कैबिनेट ने डीएपी खाद बनाने वाली कंपनियों को 3850 करोड़ की अतिरिक्त सब्सिडी देने का ऐलान किया है। फसल बीमा योजना का आवंटन बढ़ाकर 69516 करोड़ रुपए कर दिया है। फसल बीमा न देने पर पेनल्टी नहीं लगेगी। इसके अलावा कैबिनेट ने कृषि जगत में इनोवेशन और टेक्नोलॉजी को विस्तार देने के लिए 824.77 करोड़ रुपए के बजट का भी आवंटन किया है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, सरकार ने डीएपी पर 50% से अधिक की सब्सिडी दी है, ताकि किसानों को बेहतर उत्पादन की संभावना मिल सके। इसके अलावा, उर्वरक मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की आवश्यकताओं के अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, और इस संबंध में राज्य सरकारों के साथ मिलकर व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।
इस फैसले से कृषि क्षेत्र में निरंतर वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि डीएपी खाद के प्रभावी उपयोग से फसल उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। विशेषकर उन किसानों के लिए यह राहत है, जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे और उच्च खाद की कीमतों से परेशान थे।
कैबिनेट ने वेदर इंफॉर्मेशन से जुड़े प्रोजक्ट पर भी मंजूरी दी है। मौसम सूचना और नेटवर्क डेटा सिस्टम में ब्लॉक स्तर पर ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम और पंचायत स्तर पर ऑटोमेटिक रेन गेज स्थापित किए जाएंगे। 9 प्रमुख राज्य में यह प्रोजेक्ट लागू करने की प्रक्रिया में हैं जिसमें केरल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी, असम, ओडिशा, कर्नाटक, उत्तराखंड और राजस्थान शामिल हैं, अन्य राज्यों ने भी इसे लागू करने की उनके राज्या इच्छा जाहिर की है।
कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए अन्य योजनाएं भी ला रही है, जैसे कि ड्रिप इरिगेशन, सोलर पंप और फसल बीमा योजना, ताकि किसानों को समुचित सहायता मिल सके।
इस प्रकार, केंद्र सरकार का यह कदम कृषि क्षेत्र को मजबूती देने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है।
