कानपुर। पहाड़ों पर हो रही भारी बर्फबारी और पछुआ हवाओं के चलते उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में तापमान में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार को कानपुर में न्यूनतम तापमान गिरकर 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो बुधवार को 10 डिग्री सेल्सियस था। अचानक हुई इस गिरावट ने ठंड को तीखा बना दिया और लोग सिहर उठे।
चंद्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस.एन. सुनील पांडे के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ इन दिनों पहाड़ों पर सक्रिय है, जिसके कारण जमकर बर्फबारी हो रही है। इनकी वजह से उत्तर प्रदेश में पछुआ हवाओं ने सर्दी बढ़ा दी है। ठंडी हवाओं के साथ कोहरा भी छाया रहा, जिससे दृश्यता 2 किलोमीटर से घटकर 400 मीटर रह गई। इसका असर यातायात पर भी पड़ा, हाईवे और सड़कों पर वाहन धीमी गति से चलते नजर आए।
डॉ. पांडे ने बताया कि पहाड़ों पर बर्फबारी जारी रहने और पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय रहने से आगामी दिनों में शीतलहर का प्रकोप और बढ़ सकता है। उन्होंने खासकर बुजुर्गों और बच्चों को घर में रहने और अलाव जलाने की सलाह दी। सुबह-शाम की सैर इन दिनों सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
मौसम की यह कड़ाके की ठंड जहां आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है, वहीं किसानों के लिए यह सर्दी वरदान साबित हो सकती है। गेहूं की फसल को इस मौसम से खासा लाभ होगा। हालांकि, आलू और सरसों की फसल में माहू रोग लगने की संभावना है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे समय पर दवाओं का छिड़काव करें।
शीतलहर और तापमान में गिरावट के चलते प्रशासन भी सतर्क है और ठंड से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही है। ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़ों और पोषक आहार का ध्यान रखने की अपील भी की गई है।

Author: Sweta Sharma
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