नई दिल्ली। कोविड महामारी से दुनिया पूरी तरह उबर भी नहीं पाई है और चीन में एक बार फिर खतरनाक वायरस फैलने की खबरें सामने आ रही हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) बुरी तरह फैल रहा है। इसकी वजह से चीन के अस्पतालों और श्मशान घाटों पर भी भारी भीड़ का दावा किया जा रहा है। इस तरह के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
इस खबर से पूरे विश्व के लोग डरे हुए हैं और उन्हें कोरोना जैसी नई महामारी का डर सताने लगा है। नया वायरस तेजी से लोगों को मौत के मुंह में धकेल रहा है।
चीन के सरकारी ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी की रिपोर्ट में एचएमपीवी वायरस से 14 साल से कम उम्र के लोगों के संक्रमित होने की बात कही गई थी। यह वायरस कोविड की तरह तेजी से फैल रहा है और इसके लक्षण भी कोरोना से मिलते जुलते हैं।
एचएमपीवी से संक्रमित होने पर लोगों को खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण नजर आते हैं। एचएमपीवी वायरस दो लोगों के बीच श्वसन प्रणाली के माध्यम से फैल सकता है। इसके अलावा यह वायरस हाथ मिलाने या वायरस से इंफेक्टेड चीजों को छूने से भी फैस सकता है। इसका रिस्क छोटे बच्चों, बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वालों को ज्यादा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ एचएमपीवी से इंफेक्टेड लोगों के इलाज के लिए एंटीवायरल दवाओं का इस्तेमाल करने से मना कर रहे हैं। चीन के शंघाई के एक अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट ने लोगों को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से लड़ने के लिए एंटीवायरल दवाओं का आंख बंद कर इस्तेमाल करने के खिलाफ चेतावनी दी है। फिलहाल इस वायरस से बचने के लिए कोई वैक्सीन भी नहीं है। ऐसे में लोगों का डर बढ़ता जा रहा है।
हालांकि गौर करने वाली बात यह है कि साल 2023 में नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका और चीन में एचएमपीवी का पता चला था। हालांकि तब इसका ज्यादा प्रकोप नहीं दिखा था।
नई दिल्ली के होमियो एमिगो में सीनियर होम्योपैथिक डॉक्टर डॉ. आकांक्षा द्विवेदी का कहना है कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस सभी उम्र के लोगों में फैल सकता है। इस वायरस का ज्यादा असर बुजुर्गों और छोटे बच्चों पर होने की आशंका है। वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में अगर आप आते हैं तो आप भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।
इस वायरस के संपर्क में आने पर लोगों को नाक बहने, गले में खराश, सिरदर्द, थकान, खांसी, बुखार या फिर ठंड लगने लगती है। इन लक्षणों से लोगों के फेफड़े बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं।
होम्योपैथिक डॉक्टर का कहना है कि इस वायरस से निपटने के लिए वर्तमान में कई विकल्प उपलब्ध हैं। इनमें से एक होम्योपैथी भी है। अगर इस वायरस के लक्षण दिखें, तो होम्योपैथिक दवाएं ले सकते हैं। सभी जानते हैं कि ये दवाएं हर्बल सामग्रियों से बनाई जाती हैं और इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है।
होम्योपैथी की दवाई शरीर के अंगों का खास ख्याल रखती हैं उनको नुकसान नहीं पहुंचने देती है। इससे होता ये है कि रोग ज्यादा बढ़ता नहीं है। होम्योपैथिक दवाएं लंग वॉल्यूम कैपिसिटी को बढ़ा सकती हैं। लोगों को परेशानी होने पर स्टेरॉयड और ब्रोन्कोडायलेटर्स पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
डॉक्टर आकांक्षा का कहना है कि इस वायरस से संक्रमित होने की कंडीशन में एसेनिकम एल्बम, एलियम सेपा, ब्रायोनिया, बेलाडोना, यूपेटोरियम परफ, जस्टिसिया एडहाटोडा, एकोंटियम नेपेलस, हेपर सल्फ, अर्जेंटम नाइट्रिकम लेने की सलाह होम्योपैथिक डॉक्टर दे सकते हैं। ये सब लक्षणों पर निर्भर करता है।
लेकिन इसमें भी सबसे जरूरी बात जो याद रखनी है वो ये कि अपने मन से इनका सेवन न करें, बल्कि अपने होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श जरूर लें। होम्योपैथ मरीज की हिस्ट्री समझता है। होम्योपैथ किसी भी रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से पीड़ित रोगी के लक्षणों को समझकर ही दवाएं देता है।
डॉक्टर की मानें तो इस वायरस से बचने के लिए लोगों को संक्रमित लोगों से दूरी बनानी चाहिए और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। घर से बाहर निकलते वक्त मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए और अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोना चाहिए। सभी लोगों को छींकते या खांसते समय अपना मुंह ढकना चाहिए। किसी भी चीज को छूने के बाद हाथों को सैनिटाइज करें। इसके अलावा किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से मिलकर जांच कराएं और उसकी दी गई दवाएं समय पर लें।
भारत में दस्तक: ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) से सतर्क रहने की जरूरत
