नई दिल्ली। चीन में तेजी से फैल रहे नए सांस संबंधी वायरस ह्यूमन मेटाप्नूमोवायरस (एचएमपीवी) को लेकर भारत में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इस वायरस के बढ़ते मामलों ने दुनियाभर में चिंता बढ़ा दी है। इसे सांस की गंभीर समस्याओं का कारण बताया जा रहा है, जिसके लिए फिलहाल कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। दिल्ली सरकार ने इस खतरे को भांपते हुए आवश्यक गाइडलाइन्स जारी की हैं।
चीन में फैले एचएमपीवी वायरस को लेकर दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख डॉ. वंदना बग्गा ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक कदम उठाने पर जोर दिया है। अस्पतालों को आईएलआई (इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण) और एसएआरआई (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) के मामलों पर नजर रखने और इन्हें आईएचआईपी पोर्टल पर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
ये रहे जरूरी दिशा-निर्देश
आइसोलेशन पर फोकस : संदिग्ध मामलों को आइसोलेशन में रखा जाएगा और सुरक्षा उपायों का सख्ती से पालन किया जाएगा।
दवाओं की उपलब्धता : अस्पतालों में पैरासिटामोल, एंटीहिस्टामाइन, ब्रोन्कोडायलेटर्स, कफ सिरप, और ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
डॉक्यूमेंटेशन अनिवार्य : एसएआरआई और लैब में पुष्टि किए गए मामलों का सही रिकॉर्ड रखा जाएगा, ताकि वायरस पर निगरानी हो सके।
एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी), राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, भारत में अभी तक सांस की बीमारियों में कोई विशेष वृद्धि नहीं देखी गई है। हालांकि, चीन में बढ़ते एचएमपीवी मामलों को देखते हुए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
दिल्ली सरकार ने साफ किया है कि यह तैयारी संभावित खतरे से निपटने के लिए की जा रही है। सरकार ने जनता से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी तरह के श्वसन संक्रमण के लक्षण महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
