सैफई। सैफई में स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई राजपाल सिंह यादव का लंबी बीमारी के चलते 73 वर्ष की उम्र में उपचार के दौरान गुड़गांव के वेदांता हॉस्पिटल में गुरुवार तड़के 4 बजे निधन हो गया। इसके बाद उनके उनके पार्थिक शरीर को उनके बड़े बेटे इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष अंशुल यादव और छोटे बेटे आर्यन अपने पैतृक गांव सैफई के लिए निकले। अपने चाचा की मृत्यु की सूचना पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने सभी कार्यक्रम को निरस्त किया और अपने पैतृक गांव सफाई के लिए रवाना हो गए। वह करीब 1 बजे सैफई पहुंचे तो वहीं राजपाल सिंह यादव के दोनों बेटे 1:30 बजे आगरा–लखनऊ एक्सप्रेसवे के रास्ते से होते हुए सफाई पहुंचे।
अंतिम संस्कार की क्रिया के दौरान मुखाग्नि देने का दायित्व इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष अंशुल यादव ने निभाया और उन्होंने अपने पिता को मुखाग्नि दी। इस मौके पर उनके साथ अखिलेश यादव, आर्यन यादव, अक्षय यादव, अंकुर यादव और धर्मेंद्र यादव मौजूद रहे।
जैसे ही सैफई में राजपाल सिंह यादव का पार्थिव शरीर पहुंचा तो सर्वप्रथम उनके बड़े भाई प्रोफेसर रामगोपाल यादव और शिवपाल सिंह यादव की आंखें नम हो गईं और उन्होंने अपने भाई के अंतिम दर्शन कर उन पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अंतिम विदाई दी। रामगोपाल यादव को चेहरे को देखकर प्रतीत हो रहा था कि उन्हें अपने छोटे भाई के जाने का गम कितना सता रहा है। राजपाल सिंह यादव उम्र में छोटे रहे हैं, लेकिन उन्होंने कई बार अपने बड़े भाई प्रोफेसर रामगोपाल यादव और शिवपाल सिंह यादव को समय-समय पर परिवार को एकजुट रहने की सलाह दी। जिसकी वजह से आज परिवार एकजुट नजर आ रहा है।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई राजपाल सिंह यादव के अंतिम संस्कार में इटावा जनपद ही नहीं, बल्कि मैनपुरी, कन्नौज, एटा, फिरोजाबाद और प्रदेश के कई जनपदों से लोग पहुंचे। अंतिम संस्कार में 10 हजार से ज्यादा की भीड़ एकत्र हो गई। जिस पर इटावा जिला प्रशासन ने भी वहां पुख्ता इंतजाम किए और जहां एक तरफ गाड़ियों का डायवर्जन प्रशासन के द्वारा किया गया, तो वहीं सुरक्षा व्यवस्था के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनाती रही।
