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महाकुंभ 2025: 21 शृंगार कर नागा साधुओं ने लगाई अमृत स्नान की पहली डुबकी

महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान का शुभारंभ त्रिवेणी के तट पर हुआ, जहां नागा साधुओं ने अपने इष्ट महादेव के स्वरूप में 21 शृंगार कर पवित्र डुबकी लगाई। इस विशेष आयोजन में देशभर के श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बना। नागा साधुओं ने भभूत, चंदन, रुद्राक्ष, सूरमा और अन्य पारंपरिक शृंगार धारण कर महादेव को प्रसन्न करने का प्रयास किया।
शृंगार का महत्व:
महानिर्वाणी अखाड़े के महंत शंकरपुरी महाराज के अनुसार, 21 शृंगार केवल बाहरी सजावट नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी शुद्ध करने का प्रतीक है। भभूत जीवन की क्षणभंगुरता का संदेश देती है, जबकि चंदन भगवान शिव की स्मृति को जीवंत करता है। नागा साधु हर शृंगार को अपने इष्ट महादेव से जोड़ते हैं, जो उनकी भक्ति और आस्था का परिचय देता है।
किन्नर अखाड़े का योगदान:
अमृत स्नान के दौरान किन्नर अखाड़े के सदस्यों ने भी समाज कल्याण और देश की उन्नति की विशेष प्रार्थना की। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में किन्नर अखाड़े ने पारंपरिक शस्त्र प्रदर्शन करते हुए अमृत स्नान किया।
ओम नम: शिवाय संस्था का भंडारा:
श्रद्धालुओं की सेवा के लिए ओम नम: शिवाय संस्था ने महाकुंभ के सात सेक्टरों में निशुल्क भोजन की व्यवस्था की। हर दिन 20-25 हजार श्रद्धालुओं को भोजन कराते हुए यह संस्था “एक भी व्यक्ति बिना खाए न रहे” के संदेश को साकार कर रही है।
हर हर महादेव के जयघोष से गूंजा कुंभ:
नागा साधुओं और श्रद्धालुओं की भक्ति और उत्साह ने महाकुंभ के इस आयोजन को भव्य और अद्वितीय बना दिया।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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