प्रयागराज के महाकुंभ में चर्चा का केंद्र बनीं हर्षा रिछारिया ने खुद को साध्वी कहे जाने पर सफाई दी है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई उनकी तस्वीरों और वीडियो ने उन्हें ‘सुंदर साध्वी’ और ‘वायरल साध्वी’ का टैग दे दिया। मगर हर्षा ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने कभी खुद को साध्वी नहीं कहा।
साध्वी होने का दावा नहीं किया
हर्षा ने एबीपी न्यूज से कहा, “मैंने कभी नहीं कहा कि मैं साध्वी हूं। मैंने बस मंत्र दीक्षा ली है, जो कोई भी ले सकता है। साध्वी बनना बड़ी बात है, इसके लिए परंपराओं और संस्कारों का पालन करना पड़ता है, जो मैंने नहीं किया है।

सोशल मीडिया से मिली पहचान
हर्षा रिछारिया, जो इंस्टाग्राम पर एक मिलियन फॉलोअर्स के साथ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं, ने अपने बायो में आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंदगिरी की शिष्या होने का उल्लेख किया है। वे निरंजनी अखाड़ा से जुड़ी हुई हैं और खुद को सोशल एक्टिविस्ट भी बताती हैं।
अध्यात्म की ओर झुकाव
हर्षा ने बताया कि उन्होंने सुकून और शांति की तलाश में अध्यात्म का रुख किया। महाकुंभ में शिरकत को लेकर उन्होंने खुशी जाहिर की और इसे जीवन का सौभाग्य बताया।
लोगों ने दिया ‘साध्वी’ का टैग
हर्षा का कहना है कि सोशल मीडिया और लोगों ने उन्हें साध्वी का टैग दिया, जो उचित नहीं है। उन्होंने कहा, “साध्वी होना अपने आप में एक महान बात है। मैं अभी इस ओर बढ़ रही हूं, लेकिन मैंने कभी यह दावा नहीं किया।”
उनकी सफाई के बाद महाकुंभ में उनकी मौजूदगी और व्यक्तित्व को लेकर लोगों में फैला भ्रम अब दूर हो गया है।
Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.





