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लॉरेन पॉवेल जॉब्स की आध्यात्मिक यात्रा को लेकर उठ रहे हैं कई सवाल, हिंदु धर्म को लेकर शुरु हुई बहस

प्रयागराज। एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी, लॉरेन पॉवेल जॉब्स की आध्यात्मिक यात्रा को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, खासकर उनके द्वारा दिए गए हिंदू नाम और गोत्र के आधार पर। लॉरेन पॉवेल जॉब्स को उनके आध्यात्मिक गुरु, निरंजनी अखाड़े के प्रमुख आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने कमला नाम दिया है और उनका गोत्र भी तय किया है। इस पर कुछ लोग अनुमान लगा रहे हैं कि क्या लॉरेन ने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, इसका मतलब यह नहीं है कि उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया है।

दरअसल, यह एक परंपरागत प्रक्रिया है जिसमें गुरु अपने शिष्य को नाम और गोत्र प्रदान करते हैं, चाहे वह किसी भी धर्म का पालन करता हो। लॉरेन फिलहाल आचार्य कैलाशानंद गिरि की शिष्या बनी हैं और कल्पवास के दौरान उनके मार्गदर्शन में रहकर धार्मिक अनुशासन का पालन करेंगी।

लॉरेन की आध्यात्मिक यात्रा का एक लंबा इतिहास रहा है। उनके पति, स्टीव जॉब्स, जो बौद्ध धर्म के अनुयायी थे, के निधन के बाद लॉरेन की रुचि भारतीय धर्म और दर्शन में बढ़ी। स्टीव जॉब्स का अंतिम संस्कार बौद्ध रीति से हुआ था, और उनकी शादी भी बौद्ध परंपराओं के अनुसार हुई थी। इसके बाद लॉरेन का झुकाव भी बौद्ध और हिंदू धर्म की ओर बढ़ा। हालांकि उनका जन्म एक ईसाई परिवार में हुआ था, फिर भी स्टीव जॉब्स के साथ उनकी यात्रा ने उन्हें आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित किया।

लॉरेन पॉवेल जॉब्स की भारत यात्रा और कल्पवास उनके व्यक्तिगत आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है। यह उनकी खोज और भारतीय परंपराओं में रुचि को दर्शाता है, लेकिन फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि वह हिंदू धर्म को पूरी तरह से अपनाएंगी या नहीं। उनकी यात्रा एक आत्म-खोज की प्रक्रिया है, जो धार्मिक परंपराओं और आध्यात्मिकता के प्रति उनके गहरे रुझान को उजागर करती है।

Admin Desk
Author: Admin Desk

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