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मुंबई में स्थित स्टार्ट-अप मनस्तु ने अंतरिक्ष में अपने ग्रीन प्रोपल्शन सिस्टम का परीक्षण किया

नई दिल्ली। मुंबई में स्थित अंतरिक्ष स्टार्ट-अप मनस्तु स्पेस ने बुधवार को कहा कि उसने पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरीमेंटल मॉड्यूल-4 (पीओईएम) पर स्व-निर्मित थ्रस्टर ‘व्योम 2यू’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह परीक्षण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा आयोजित किए गए उपग्रह मिशन के हिस्से के रूप में किया गया। इस सफल परीक्षण को देखते हुए, मनस्तु ने अपने तकनीकी समाधान को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में प्रस्तुत किया है।

मनस्तु का ग्रीन प्रोपल्शन सिस्टम पारंपरिक रासायनिक प्रणोदक प्रणालियों के मुकाबले पर्यावरण के लिए अधिक सुरक्षित और कम हानिकारक है। पारंपरिक प्रणोदक प्रणालियों में उच्च विषाक्तता और प्रदूषण का खतरा होता है, जबकि ग्रीन प्रोपल्शन सिस्टम का उद्देश्य पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना अंतरिक्ष में उन्नत और प्रभावी प्रणोदन प्रदान करना है। इस प्रणाली का परीक्षण भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है, क्योंकि यह एक नई दिशा में अग्रसर होने का प्रतीक है, जहां अंतरिक्ष यात्रा और मिशन ज्यादा टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनेंगे।

सोमवार को स्पाडेक्स उपग्रहों को प्रक्षेपित करने वाले पीएसएलवी-सी60 रॉकेट के चौथे चरण वाले पीओईएम-4 प्लेटफार्म को 350 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक कक्षा में स्थापित किया गया है, जहां से इसरो की कई प्रयोगशालाएं, स्टार्ट-अप और शैक्षणिक संस्थान कक्षा में प्रयोग करेंगे।

मनस्तु के संस्थापक और टीम ने इस सफलता को भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है। उन्होंने बताया कि यह परीक्षण अन्य स्टार्ट-अप्स और संगठनों को भी प्रेरित करेगा कि वे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नए और सुधारात्मक समाधान लाने के लिए काम करें। मनस्तु के इस कदम से भारत को अंतरिक्ष में अधिक सस्टेनेबल और प्रभावी प्रौद्योगिकियों को अपनाने की दिशा में एक अहम बढ़त मिली है।

मनस्तु ने इस प्रोपल्शन सिस्टम को विकसित करने में लंबा समय और संसाधन निवेश किया है। इस प्रणाली के माध्यम से, अंतरिक्ष मिशनों की लागत को भी कम करने की संभावना जताई जा रही है। यह प्रणाली मुख्य रूप से छोटे उपग्रहों के लिए डिज़ाइन की गई है, जो विशेष रूप से संचार, मौसम विज्ञान और अन्य वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं। इस तकनीक का परीक्षण अंतरिक्ष में होने वाले ग्रीन प्रोपल्शन सिस्टम की सफलता को सिद्ध करता है और इसे भविष्य में अधिक बड़े मिशनों के लिए अपनाया जा सकता है।

मनस्तु स्पेस के संस्थापक और सीईओ तुषार जाधव ने बताया, “हमने नए साल की पूर्व संध्या पर पीओईएम-4 पर अपने ग्रीन प्रोपल्शन सिस्टम व्योम-2यू का परीक्षण किया।”

उन्होंने कहा कि 30 सेकंड तक ‘थ्रस्टर’ के परीक्षण से पीएसएलवी पीओईएम-4 प्लेटफॉर्म 24 डिग्री तक झुक गया। इससे 0.5 डिग्री प्रति सेकंड का कोणीय वेग उत्पन्न हुआ, जिसके बाद ऑनबोर्ड सिस्टम ने सहजता से नियंत्रण हासिल कर लिया।

यह परीक्षण न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में प्रदूषण और पर्यावरणीय मुद्दों को ध्यान में रखते हुए अंतरिक्ष मिशनों के लिए नए और प्रभावी उपायों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Admin Desk
Author: Admin Desk

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