महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा जारी है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम माना जाता है। इस बार यूपी पुलिस ने सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लिया है। मेले के विशाल क्षेत्र में हवाई निगरानी और संभावित खतरों से निपटने के लिए 11 टेथर्ड ड्रोन और 3 एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किए गए हैं।
टेथर्ड ड्रोन: चौबीसों घंटे निगरानी
टेथर्ड ड्रोन ग्राउंड स्टेशन से केबल के जरिए जुड़े रहते हैं, जिससे उन्हें लगातार बिजली सप्लाई मिलती रहती है। यह बैटरी डिस्चार्ज की समस्या से मुक्त रहते हैं और चौबीसों घंटे निगरानी में सक्षम हैं। ये ड्रोन 120 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकते हैं और 3 किलोमीटर के दायरे में 4K लाइव फुटेज प्रदान करते हैं। थर्मल और इंफ्रारेड कैमरों से लैस ये ड्रोन दिन-रात भीड़ प्रबंधन और संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं।
सुरक्षा में एंटी-ड्रोन सिस्टम की भूमिका
यूपी पुलिस ने तीन एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किए हैं। दो RF-आधारित सिस्टम 8 किमी के दायरे में दुश्मन ड्रोन का पता लगाने और 2 किमी तक उनके सिग्नल जाम करने में सक्षम हैं। वहीं, रडार-आधारित सिस्टम 15 किमी तक ड्रोन का पता लगाकर 3 किमी तक उन्हें निष्क्रिय कर सकता है।
ड्रोन का नेटवर्क और सफलता
भीड़ और ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए चार ड्रोन पुलिस, चार यातायात विभाग और तीन ATS ने तैनात किए हैं। अब तक नौ ड्रोन निष्क्रिय किए जा चुके हैं, जिनमें छह मकर संक्रांति के दिन पकड़े गए थे।
कार्यक्रम की निगरानी
सीनियर IPS अधिकारी रघुवीर लाल इस पूरे सिस्टम को मॉनिटर कर रहे हैं। ड्रोन का उपयोग भीड़ नियंत्रण, वीआईपी सुरक्षा और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जा रहा है। यूपी पुलिस के ये कदम महाकुंभ को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।

Author: Sweta Sharma
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