यस बैंक के 8,415 करोड़ रुपये के एटी-1 बॉन्ड को बट्टे खाते में डालने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए मामला दूसरी पीठ को भेज दिया। यह मामला बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश से जुड़ा है, जिसमें यस बैंक प्रशासक के इस फैसले को रद्द कर दिया गया था।
क्या है एटी-1 बॉन्ड?
एटी-1 (अतिरिक्त टियर-1) बॉन्ड स्थायी प्रकृति के होते हैं, जिन्हें बैंक अपने पूंजी आधार को मजबूत करने के लिए जारी करते हैं। ये उच्च ब्याज दर वाले होते हैं लेकिन जोखिम भी अधिक होता है। आरबीआई संकट के समय इन्हें रद्द करने का निर्देश दे सकता है।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने चार याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार करते हुए मामला न्यायमूर्ति एएस ओका की पीठ को सौंपा। पीठ ने निवेशकों को आश्वासन दिया कि उनकी वित्तीय समस्याओं का समाधान खोजा जाएगा।
बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश
जनवरी 2023 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने यस बैंक प्रशासक के एटी-1 बॉन्ड को बट्टे खाते में डालने के फैसले को रद्द कर दिया था। अदालत ने कहा था कि पुनर्निर्माण योजना में इसका कोई प्रावधान नहीं था।
आरबीआई और यस बैंक की अपील
आरबीआई और यस बैंक ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है। उनका कहना है कि एटी-1 बॉन्ड को बट्टे खाते में डालने से बैंक का पुनर्गठन संभव हुआ।

Author: Sweta Sharma
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