देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) 27 जनवरी से लागू होगी। यह तारीख खास है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देहरादून आने से ठीक एक दिन पहले यूसीसी का कानून लागू होगा। सोमवार को ही यूसीसी पोर्टल भी शुरू किया जाएगा जिससे लोग ऑनलाइन इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि आगामी सोमवार 27 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में अपराह्न साढ़े 12 बजे कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस दौरान वे यूसीसी उत्तराखंड-2024 को लागू करने के लिए नियमावली और पोर्टल का उद्घाटन होगा। इसके साथ ही पोर्टल आम लोगों के लिए खुल जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी। उन्होंने बताया कि इस कानून को लागू करने के लिए सभी तैयारियां पूरी की गई हैं जिसमें नियमावली की मंजूरी और अधिकारियों का प्रशिक्षण शामिल है। उनका कहना था कि यूसीसी से समाज में समानता आएगी और सभी नागरिकों को समान अधिकार और जिम्मेदारियां मिलेंगी।
उन्होंने कहा, यूसीसी से समाज में एकरूपता आएगी और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और दायित्व तय होंगे। समान नागरिक संहिता के अंतर्गत जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने की कोशिशि की गई है।
वहीं मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यूसीसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन प्रयास का हिस्सा है जिसमें वे देश को एक संगठित, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत बनाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि यूसीसी के तहत जाति, धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव करने वाले नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने की कोशिश की गई है।
बात दें कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू करना 2022 के विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का बड़ा वादा था। मार्च में फिर से सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में यूसीसी के प्रस्ताव को मंजूरी दी और मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया।
उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करना 2022 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के प्रमुख वादों में से एक था। मार्च में दोबारा सीएम पद संभालते ही सीएम धामी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में यूसीसी प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उसका मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन पर मुहर लगा दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी, जिसने लगभग डेढ़ वर्ष में कई वर्गों से बातचीत के आधार पर चार पार्ट में तैयार अपनी रिपोर्ट दो फरवरी 2024 को राज्य सरकार को सौंपी। रिपोर्ट के आधार पर 7 फरवरी 2024 को विधानसभा के विशेष सत्र में यूसीसी विधेयक पास हुआ और उसके एक महीने बाद 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति ने भी उसे अपनी मंजूरी दे दी।
उत्तराखंड यूसीसी विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, लिव-इन रिलेशनशिप और इनसे संबंधित अन्य विषयों को रेगुलेट करेगा। यूसीसी में सभी धर्मों में पुरुषों और महिलाओं के लिए समान शादी की उम्र, तलाक के आधार और प्रक्रियाएं तय की गईं हैं, जबकि बहुविवाह और हलाला पर बैन लगाया गया है। असम सहित देश के कई राज्य उत्तराखंड के यूसीसी अधिनियम को एक मॉडल की तरह अपनाने की इच्छा जता चुके हैं।
