हरदोई। उत्तर प्रदेश के हरदोई में हृदयविदारक घटना सामने आयी है जहां पति ने फाइलेरिया की बीमारी से ठीक होने के लिए कुल्हाड़ी से गर्दन काट कर पत्नी की बलि चढ़ाने के लिए उसकी हत्या कर दी। पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। लगभग चार साल पुरानी घटना की सुनवाई पूरी कर अपर जिला जज अच्छे लाल सरोज (कोर्ट संख्या तीन) ने सजा सुनाई है। इसके साथ ही 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की आधी रकम बतौर क्षतिपूर्ति मृतका के वारिसों को भी देने के आदेश अपर जिला जज ने दिए हैं।
सांडी थाना क्षेत्र के चचरापुर गांव निवासी रामकिशुन ने अपनी पुत्री कांती की शादी सुरसा थाना क्षेत्र के पनुवावर मजरा वल्लीपुर निवासी कमलेश के साथ की थी। राम किशुन ने 11 दिसंबर 2020 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि 11 दिसंबर की सुबह करीब सात बजे उसे फोन पर पता चला कि दामाद कमलेश ने उसकी पुत्री कांती की दस दिसंबर की रात 11 बजे कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर हत्या कर दी।
सूचना पर वह मौके पर पहुंचा तो समधी (दामाद के पिता) गिरिवर ने बताया कि कांती की हत्या कमलेश ने कर दी है। विवेचना में पता चला कि कमलेश को फाइलेरिया थी। इस बीमारी से निजात पाने के लिए वह तंत्र विद्या का सहारा ले रहा था। कई बार सुअर की बली दे चुका था। खुद को कमलेश सर्वनाशनी देवी का पुजारी बताता था।
फाइलेरिया की बीमारी से ठीक होने के लिए उसने पत्नी की कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर हत्या कर दी थी। पूरे मामले में अभियोजन पक्ष से नौ गवाहों को पेश किया गया। मामले की सुनवाई पूरी कर अपर जिला जज अच्छेलाल सरोज ने सजा सुनाई है।
								
															
			
			




