नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को बताया कि उसने नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) से जुड़े धन शोधन मामले में नया आरोपपत्र दाखिल किया है।
संघीय एजेंसी ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि अभियोजन पक्ष की शिकायत 28 जनवरी को मुंबई में विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामलों की विशेष अदालत के समक्ष 19 ब्रोकिंग इकाइयों और उनके निदेशकों के खिलाफ दायर की गई थी, जिन पर एनएसईएल अधिकारियों के साथ कथित रूप से मिलीभगत करके निवेशकों को इस मंच पर व्यापार करने के लिए ‘‘प्रलोभन देने’’ का आरोप है।
एजेंसी ने बताया कि अदालत ने तीन फरवरी को आरोपपत्र पर संज्ञान लिया।
ईडी ने बताया कि उसने पहले ही इस जांच के तहत 94 आरोपियों के खिलाफ छह आरोपपत्र दायर किए हैं और 3,288 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
संघीय एजेंसी ने बताया कि जांच में खुलासा हुआ कि ब्रोकिंग कंपनियों ने एनएसईएल में पंजीकरण कराने के बाद एक्सचेंज के बारे में ‘झूठे’ आश्वासन देकर अपने ग्राहकों को गुमराह किया तथा ‘अवैध’ व्यापार अनुबंधों को बढ़ावा दिया, जिनकी अनुमति उन्हें नहीं थी।
एजेंसी ने कहा कि ब्रोकिंग कंपनियों के साथ ‘‘सांठगांठ’’ करके एनएसईएल ने एक ऐसी प्रणाली स्थापित की, जो उनके ग्राहकों के लिए गोदाम रसीदों या भौतिक वस्तुओं के संग्रह की जरूरत को जानबूझकर ‘‘बाईपास’’ कर देती थीं। एजेंसी के अनुसार करीब 13000 निवेशकों से 5600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।
