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महाकुंभ में शंकराचार्य के शिविर में लगी आग, जताई साजिश की आशंका

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के महाकुंभ 2025 में एक बार फिर आग लगने की घटना सामने आई है, जिसने महाकुंभ में श्रद्धालुओं और शिविर के आयोजकों को चिंता में डाल दिया। यह घटना शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शिविर में हुई, जो सेक्टर 12 के क्षेत्र में स्थित था। घटना की जानकारी मिलने के बाद फायर ब्रिगेड और अन्य राहत कार्यों में जुटे कर्मचारियों ने त्वरित कार्रवाई की और आग पर काबू पा लिया।

सुबह करीब सात बजे दो स्थानों पर एक साथ आग लगने की सूचना मिली। आग का पहला केंद्र शिविर के पश्चिमी हिस्से में था, जहां दो टेंट पूरी तरह से जल गए। दूसरी ओर, पूर्वी हिस्से में स्थित साधु कुटिया में भी उसी समय धुआं उठने लगा। इस कुटिया में आग लगने के कारण शिविर में तैनात एक महिला श्रद्धालु को तत्काल बाहर निकाला गया। राहत की बात यह रही कि इस आग की घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन लाखों रुपये का सामान जलकर राख हो गया।

घटना की सूचना मिलने के बाद, फायर ब्रिगेड की करीब एक दर्जन गाड़ियां मौके पर पहुंची। फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने जल्द ही दोनों स्थानों पर आग पर काबू पाया। फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों के अनुसार, आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी, जो साधु कुटिया में इलेक्ट्रिक केतली के इस्तेमाल के कारण हुआ था। हालांकि, इस घटना को लेकर शिविर से जुड़े लोग संदेह जताते हुए इसे महज एक संयोग नहीं मानते। उन्होंने इस घटना को लेकर साजिश की आशंका जताई है। उनका कहना है कि एक साथ दो अलग-अलग स्थानों पर आग लगना सामान्य घटना नहीं हो सकती है, और यह किसी जानबूझकर की गई साजिश का परिणाम हो सकता है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शिविर में हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु और भक्त आते हैं। इस शिविर में रोजाना धर्म संसद का आयोजन होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु धर्मिक चर्चाओं में भाग लेते हैं। यह शिविर महाकुंभ के दौरान खासा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस घटना के बाद महाकुंभ के चीफ फायर ऑफिसर प्रमोद शर्मा ने बताया कि फायर ब्रिगेड की टीम ने तत्परता दिखाते हुए आग पर काबू पाया और कोई बड़ी जनहानि होने से बची। फिर भी, इस घटना को लेकर जांच जारी है, और अधिकारियों ने इस बात का ध्यान रखने की बात की है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। इस घटना ने महाकुंभ के आयोजकों और श्रद्धालुओं को सतर्क कर दिया है, और अब इस मुद्दे पर प्रशासन और शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अनुयायी दोनों ही इस घटना के साजिश से जुड़े पहलुओं पर विचार कर रहे हैं।

Admin Desk
Author: Admin Desk

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