बांगलादेश/नई दिल्ली। बांगलादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि एक संरचना को नष्ट किया जा सकता है, लेकिन इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता। उनका यह बयान तब आया है जब ढाका में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने उनके पिता और बांगलादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के आवास को आग के हवाले कर दिया। शेख हसीना ने अपने संबोधन में पूर्व में किए गए हत्या के प्रयासों का भी जिक्र किया और कहा, अगर अल्लाह ने मुझे इन हमलों से जीवित रखा है, तो इसका मतलब है कि मेरे लिए कुछ काम बाकी है। अन्यथा, मैं कई बार मौत से कैसे बच सकती थी?
उन्होंने आरोप लगाया कि बांगलादेश के वर्तमान संकट का जिम्मेदार एक साजिश है, जिसका मुख्य कर्ता मुहम्मद यूनुस को बताया। शेख हसीना ने यह भी कहा कि उनका राजनीतिक पुनरुत्थान जरूरी है, क्योंकि वे खुद को एक सर्वाइवर मानती हैं और बांगलादेश की 1971 की स्वतंत्रता संग्राम की धरोहर को मिटाने की कोशिशों का विरोध करती हैं।
उन्होंने बांगलादेश के लोगों से अपील की कि वे उनकी विरासत और बांगलादेश के इतिहास को पहचानें और उन कोशिशों का विरोध करें, जो इसे मिटाने की कोशिश कर रहे हैं।
शेख हसीना ने एक ऑनलाइन संबोधन में कहा, क्या डर है एक घर से? क्या मैंने अपने देश के लिए कुछ नहीं किया? फिर इस अपमान का कारण क्या है? उन्होंने अपनी और अपनी बहन के लिए शेष बची एकमात्र याद का नष्ट होने पर चिंता जताते हुए कहा, एक संरचना को नष्ट किया जा सकता है, लेकिन इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, इतिहास बदला लेता है।
बता दें कि शेख हसीना अगस्त 2024 से भारत में रह रही हैं। उन्होंने बड़े पैमाने पर उग्र छात्र आंदोलन के बाद अपने पद से हटने के बाद बांग्लादेश छोड़ दिया था।
