उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने समाजवादी पार्टी (सपा) को भारी अंतर से हराकर शानदार जीत हासिल की। भाजपा के चंद्रभानु पासवान ने 1,46,397 वोटों के साथ ऐतिहासिक जीत दर्ज की, जिससे उन्होंने पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया और सपा के अजीत प्रसाद को पछाड़ दिया।
भा.ज.पा. की सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए सघन चुनावी अभियान को दिया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने छह बार इस निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया और पार्टी के प्रचार-प्रसार को मजबूत किया। इसके अलावा, मिल्कीपुर में सात राज्य मंत्रियों को तैनात किया गया था, जिन्होंने पार्टी के अपने समर्थन आधार को सुदृढ़ किया।
चुनाव में नौ उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन भाजपा का दबदबा कायम रहा। सपा, जो कि अपनी जमानत बचाने वाली एकमात्र दावेदार थी, चुनावी मैदान में फिसल गई। सपा के फैजाबाद लोकसभा सांसद अवधेश प्रसाद द्वारा किए गए “अयोध्या के राजा” के बयान ने मतदाताओं के एक वर्ग को नाराज कर दिया। यह कदम सपा की हार में अहम भूमिका निभाता है, क्योंकि इसने भाजपा के समर्थकों को और सपा के खिलाफ किया।
चुनाव में दो विपरीत कथानक देखने को मिले— भा.ज.पा. का हिंदुत्व, अयोध्या का विकास और राष्ट्रवाद, और सपा का पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) गठबंधन। परिणाम बताते हैं कि जाति-आधारित राजनीति के बजाय भाजपा की व्यापक अपील को प्राथमिकता दी गई, जिससे क्षेत्र में भाजपा का प्रभाव और मजबूत हुआ।
Author: Sweta Sharma
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