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दिल्ली में किसके सर सजेगा ताज, मुख्यमंत्री की रेस में प्रवेश वर्मा, मनोज तिवारी समेत कई चेहरे शामिल, महिला सीएम पर भी फोकस

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से 48 सीटों पर जीत दर्ज करके भाजपा ने वापसी कर ली है। इसके बाद राज्य में 27 सालों बाद भाजपा ने वापसी कर ली है। हालांकि, इस बार आम आदमी पार्टी की हैट्रिका का सपना अधूरा रह गया है। राज्य में 10 सालों से दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। आम आदमी पार्टी केवल 22 सीटें समेटने में सफल रही। इस बार के नतीजों में आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्यैंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज जैसे बड़े दिग्गज को हार नसीब हुई है।

दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद अब सीएम फेस को लेकर अटकलों बाजार गरम हो गया है। सूबे के सियासी गलियारों में एक ही सवाल घूम रहा है कि भाजपा से सीएम की कुर्सी पर किसकी ताजपोशी होगी। इस बीच दिल्ली की सीएम आतिशी ने भी राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा से सीएम की रेस में कई नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। इसके अलावा भाजपा आलाकमान महिला सीएम का भी दांव खेल सकती है।

दिल्ली में सीएम बनने की रेस में नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को पटखनी देने वाले भाजपा नेता प्रवेश वर्मा का नाम आगे हैं। वह दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। इससे पहले वह पश्चिमी दिल्ली से दो बार के सांसद भी रह चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने 5.78 लाख वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। यह दिल्ली की सबसे बड़ी जीत थी। इस बार उन्होंने दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को 4099 वोटों के साथ चित किया है। राजनीतिक करियार की बात करें तो प्रवेश वर्मा बचपन के दिनों से संघ में सक्रिय थे। इसके बाद उन्होंने कई चुनाव लड़े और सभी में विजय रहे। हालांकि, पिछले साल का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। सूत्रों की मानें तो भाजपा आलाकमान ने उन्हें लोकसभा चुनाव की बजाए विधानसभा चुनाव में उतारा था। माना जा रहा है कि दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा हरियाणा वाला फॉर्मूला अपना सकती है। दरअसल, पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने हरियाणा में जाट सीएम बनाकर नॉन-जाट मुख्यमंत्री वाली चीज को दूर किया था। लिहाजा, दिल्ली में भी भाजपा जाट नेता को मुख्यमंत्री बनाकर किसान आंदोलन को दबाने का दांव आजमा सकती है।

वीरेंद्र सचदेवा 2007-2009 तक चांदनी चौक और 2014 से 2017 तक मयूर विहार भाजपा जिला अध्यक्ष रहे। इसके बाद 2009-2012 तक दिल्ली भाजपा प्रदेश मंत्री, 2012 से 2014 तक दिल्ली भाजपा के प्रशिक्षण प्रभारी और राष्ट्रीय भाजपा प्रशिक्षण दल के सदस्य भी रहे। वो 2020 से 2023 तक प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। वीरेंद्र सचदेवा 2023 में ही दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने।

दिल्ली की उत्तर-पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं। बता दें, लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने दिल्ली के 7 में से 6 सांसदों के टिकट काट दिए थे। लेकिन, मनोज तिवारी को पार्टी ने फिर से मौका दिया था। वह 2016 से 2020 तक दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा दिल्ली में पूर्वांचल वोटर्स के बीच मनोज तिवारी का काफी अच्छा दबदबा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अब नजरें बिहार विधानसभा चुनाव पर टिक गई हैं। इस साल के अंत से पहले बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। यदि देखा जाए तो भाजपा मनोज तिवारी को दिल्ली के सीएम पद के लिए चुन सकती है।

दिल्ली सीएम की रेस में अगला नाम मनजिंदर सिंह सिरसा का है। साल 2013 और 2017 में वह शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर चुके हैं। इसके अलावा वह तीसरी बार राजौरी गार्डन से विधायक रह चुके हैं। इसके बाद उन्होंने शिरोमणि अकाली छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। अगस्त 2023 में वह बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। मनजिंदर सिंह सिरसा दिल्ली में सिख समुदाय के बड़े नेता हैं। यदि वह दिल्ली के सीएम पद पर बैठते हैं, तो भाजपा पंजाब में अपनी मजबूत पकड़ बना सकती है।

दिल्ली की रोहिणी सीट से विजेंद्र गुप्ता ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है। इससे पहले वह दो बार दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुकी हैं। इसके अलावा 2015 में वह दिल्ली सीट से 3 बार के विधायक भी रह चुके हैं। विधानसभा में केवल 3 विधायक थे, तो उनमें से एक विजेंद्र गुप्ता थे। वो दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा उनकी संघ और संगठन में मजबूत पकड़ है।

मोहन सिंह बिष्ट ने 1998 से 2015 तक लगातार 4 बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। हालांकि 2015 में उन्हें कपिल मिश्रा से हार का सामना करना पड़ा था। वो 2020 में फिर से विधायक चुने गए। बीजेपी ने 2025 में उनकी सीट बदलकर मुस्लिम बहुल मुस्तफाबाद से लड़ाया। यहां से भी उन्होंने जीत हासिल की। मोहन बिष्ट की संघ और संगठन में पकड़ अच्छी है। उनका पहाड़ी क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव हैं।

दिल्ली सीएम पद के लिए भाजपा महिला कार्ड भी खेल सकती है। इसके लिए पार्टी पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा की दिग्गज नेता स्मृति ईरानी को चुन सकती है। वह 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद मंत्री बनी थी। इसके बाद 2019 में उन्होंने राहुल गांधी को हराया था। वह बड़ा महिला चेहरा हैं। फिलहाल, भाजपा से इस समय कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं है। लिहाजा भाजपा स्मृति को सीएम बनाकर भाजपा महिलाओं को संदेश दे सकती है।

Admin Desk
Author: Admin Desk

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