संसद के बजट सत्र के पहले चरण का आज अंतिम कामकाजी दिन है। इस दौरान वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की गई, जिसके बाद विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया।
रिपोर्ट पेश होने के बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और वामपंथी दलों के सदस्यों ने विरोध जताया और सदन में नारेबाजी की। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट में उनकी असहमति को दरकिनार कर दिया गया है, जिसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बताया गया।

सभापति जगदीप धनखड़ ने हंगामा कर रहे सांसदों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने राष्ट्रपति के संदेश को पढ़ने का प्रयास किया, लेकिन विपक्ष ने विरोध जारी रखा, जिससे कार्यवाही 11:20 तक स्थगित करनी पड़ी।
जेपीसी की 655 पृष्ठों की इस रिपोर्ट को 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष को सौंपा गया था। इसमें भाजपा सांसदों द्वारा सुझाए गए संशोधनों को शामिल किया गया, जबकि विपक्षी सुझावों को खारिज कर दिया गया। विपक्ष ने इस विधेयक को मुस्लिम धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप बताया।

विधेयक को 2024 में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा पेश किया गया था, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है।
Author: Sweta Sharma
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