– बिजली पोल के टूटने से गांव में बढ़ रहा खतरा, विभाग की अनदेखी से परेशान ग्रामीण
संजय मिश्र, जिला संवाददाता
देवरिया। बिजली विभाग के अधिकारियों का यह कारनामा भी गजब का है कि आज, कल और परसो का हवाला देकर जेई और एसडीओ एक साल में भी पोल नहीं लगवा सके। ग्रामीण जब भी एसडीओ से संपर्क करते हैं तो उनका एक ही जवाब होता है कि लग जाएगा। लगभग दर्जन भर लोग अपने घरों में बांस की बल्ली के सहारे केबल खींचकर बिजली जलाते हैं, बाकी अंधेरे में रहने के लिए मजबूर हैं। एक तरफ सरकार जहां घर-घर बिजली पहुंचाने का काम कर रही है वहीं विभाग के ऐसे जिम्मेदार अधिकारी सरकार के इस अभियान को पलीता लगा रहे हैं।
बरहज तहसील के ग्रामसभा महुई संग्राम स्थित अंबेडकर पार्क की चारदीवारी पर एक साल से गिरा हुआ बिजली का खंभा अब तक नहीं बदला जा सका है, जिससे स्थानीय लोग लगातार सुरक्षा खतरे के बारे में चिंता जताते रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग की ओर से बार-बार की गई शिकायतों के बावजूद इस खंभे को बदलने की कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
गांववासियों के मुताबिक, बिजली विभाग को कई बार इस जर्जर पोल के बारे में सूचना दी गई लेकिन एसडीओ राधेश्याम चौहान और जेई महेंद्र कुमार के गैरजिम्मेदाराना रवैये के कारण इसे नजरअंदाज किया गया। विभाग के अधिकारी कभी इसे ‘आज-कल’ करने की बात करते हैं तो कभी ट्रैक्टर-ट्रॉली लाने की सलाह देते हैं, जिससे समस्या का समाधान हमेशा टलता रहा है।
इसके परिणामस्वरूप, बिजली आपूर्ति में भी समस्या उत्पन्न हो रही है। विद्युत वितरण के लिए अब पतले केबलों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो बांस और बल्ली के सहारे तारों को जोड़ते हैं। यह तार तालाब के किनारे से गुजरते हैं, जो खतरनाक स्थिति पैदा कर रहा है। खासकर, गांव में बंदरों की बड़ी संख्या है, जो खंभों पर चढ़कर केबल तारों को हिलाते हैं और उन्हें तोड़ देते हैं। यदि केबल टूटकर तालाब में गिर जाए तो कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है, जो जानमाल का नुकसान कर सकती है।
स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द इस खंभे को बदलने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। बिजली विभाग की लापरवाही और प्रशासन की सुस्त कार्रवाई से गांववाले असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं।
