– लखनऊ में ड्रग्स डिपार्टमेंट का बड़ा कदम, 5 सेक्सोलॉजिस्ट क्लीनिकों पर छापा, लिए गए नमूने
लखनऊ। सेक्स रोगी निराश न हों… निःसंतान व्यक्ति मिलें… पेशाब की समस्या से पाएं छुटकारा…सभी जानकारी गुप्त रखी जाएगी लिखी होर्डिंग्स या वॉलपेन्टिंग्स शहर में प्रवेश करते ही दिखाई दे जाते हैं। इसके अलावा एलईडी तथा अन्य विज्ञापनों के माध्यम से भी प्रचार किया जाता है। जिसकी चकाचौंध में लोग फंस जाते हैं।
यानि राजधानी लखनऊ में सेक्स समस्या से परेशान लोगों को लूटने का धंधा तो वर्षों से चलता आ रहा है और इसकी जानकारी स्वास्थ विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को न रही हो यह संभव ही नहीं है लेकिन कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनके कान पर जूं तब रेंगा जब कुछ लोगों ने इसकी शिकायत आईजीआरएस पर की।
शिकायत के बाद औषधि नियंत्रण विभाग हरकत में आया और पांच सेक्सोलॉजिस्ट क्लीनिकों पर छापा मारा। इनमें एपी सेन रोड चारबाग स्थित डॉ. एसके जैन और डॉ. एके जैन की क्लीनिक, हुसैनगंज चौराहा पर बांसमंडी में डॉ. पीके जैन की क्लीनिक, लालकुआं रोड पर राणा डिस्पेंसरी और चारबाग के पानदरीबा में डॉ. ताज की क्लीनिक शामिल है। ड्रग्स विभाग की छापेमारी से शहर में हड़कंप मच गया और मर्दानगी की दवा बेचने वाले नामर्दों की तरह भाग खड़े हुए। इन क्लीनिकों पर आरोप है कि ये लोग यौन शक्ति बढ़ाने के नाम पर एलोपैथिक दवाओं को मिलाकर नकली आयुर्वेदिक दवाएं देकर लोगों को लूट रहे थे। इन क्लीनिकों ने कभी यह नहीं सोचा कि मरीजों को अन्य गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। सूत्रों का कहना है कि जो भी व्यक्ति इन क्लीनिकों पर एक बार चला जाता है उसे यह लोग लूटने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। अगर वह किसी प्रकार की हीला हवाली करता है तो इनके पाले गए गुंडे उन मरीजों के साथ अभद्रता करने पर उतारू हो जाते हैं और शर्म के कारण वह व्यक्ति पुलिस की भी मदद नहीं ले पाता है।
लखनऊ मंडल के सहायक आयुक्त (औषधि) बृजेश कुमार ने बताया कि प्रत्येक क्लीनिक से सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवाओं के दो-दो नमूने लिए गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि इन क्लीनिकों में आयुर्वेदिक दवाओं में एलोपैथिक दवाओं का मिश्रण किया जा रहा था, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। इन दवाओं की जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सवाल यह उठता है कि हमेशा संरक्षण देने वाला स्वास्थ्य विभाग जांच रिपोर्ट आने के बाद क्या वास्तव में ऐसे लुटेरे डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई करेगी ! भविष्य में ऐसे दवाखाने क्या बंद कराये जायेंगे! यह सब अभी भविष्य के गर्भ में है क्योंकि पैसे की चकाचौंध के आगे सब कुछ फाइलों में कैद होकर रह जाता है।
