नई दिल्ली। स्थानीय अदालत ने संसद की सुरक्षा में चूक मामले में गिरफ्तार एकमात्र महिला आरोपी नीलम आज़ाद की जमानत याचिका पर मंगलवार को दिल्ली पुलिस से 10 जनवरी तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा। इसके साथ ही अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने मामले में गिरफ्तार सभी छह आरोपियों का पॉलीग्राफ (झूठ पकड़ने वाला परीक्षण) कराने की अनुमति के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा दायर याचिका की सुनवाई पांच जनवरी के लिए स्थगित कर दी।
बाद में, अदालत ने यह गौर करते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी कि आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए न्यायाधीश द्वारा नियुक्त ‘कानूनी सहायता’ वकील आज उपलब्ध नहीं थे। पुलिस सभी छह आरोपियों को सुनवाई के लिए अदालत लेकर लायी थी। आरोपी- आज़ाद, मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, ललित झा और महेश कुमावत- 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। इस मामले में दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने इससे पहले अदालत से कहा था कि 13 दिसंबर का हमला पूरी तरह से सुनियोजित था। 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया था। इस दौरान सागर शर्मा और मनोरंजन डी. नामक दो व्यक्ति शून्यकाल के दौरान लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए और नारे लगाते हुए एक ‘केन’ से पीली गैस छोड़ी थी। कुछ सांसदों ने इन दोनों को पकड़ लिया। लगभग इसी समय अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने संसद भवन परिसर के बाहर ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ का नारा लगाते हुए ‘केन’ से रंगीन गैस छोड़ी थी।
