बिहार बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में इस बार प्रिया जायसवाल ने ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया है, जिसे सभी लोग सलाम कर रहे हैं। नेपाल सीमा से सटे बिहार के एक सीमावर्ती जिले के सरकारी स्कूल की छात्रा प्रिया ने विज्ञान संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्त कर पूरे राज्य का नाम रोशन किया है। उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया कि मेहनत, लगन और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। प्रिया ने बताया कि वह रोजाना 10-12 घंटे पढ़ाई करती थीं और अपनी शिक्षा को प्राथमिकता देती थीं। उनके लिए यह सफर आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और निरंतर प्रयास करती रहीं। उनके लिए शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह उनके सपनों को पूरा करने का साधन था। प्रिया के पिता एक साधारण किसान हैं और मां गृहिणी। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद, उन्होंने कभी अपने लक्ष्य से समझौता नहीं किया। प्रिया का कहना है, “मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरा साथ दिया और मुझे विश्वास दिलाया कि मेहनत का फल जरूर मिलता है।” अब प्रिया का अगला लक्ष्य मेडिकल क्षेत्र में प्रवेश कर डॉक्टर बनना है ताकि वह समाज की सेवा कर सकें। उनकी सफलता ने बिहार के अन्य छात्रों को भी प्रेरित किया है कि कठिनाइयों के बावजूद मेहनत और दृढ़ संकल्प से हर मंजिल हासिल की जा सकती है।
Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.





