निश्चय टाइम्स, लखनऊ।आज 29 मार्च 2025 का दिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बहुत ही महत्वपूर्ण और विशेष माना जा रहा है। इस दिन रात 10 बजकर 7 मिनट पर शनि ग्रह का राशि परिवर्तन मीन राशि में होगा। इस परिवर्तन को विशेष बनाने वाला एक और दुर्लभ संयोग यह है कि इसी दिन सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है। शनि का राशि परिवर्तन और सूर्य ग्रहण एक ही दिन होना अत्यंत दुर्लभ घटना है। इस दिन के कुछ योग शुभ माने जा रहे हैं, तो कुछ अशुभ भी हैं। ग्रहण योग के चलते यह दिन ज्योतिषीय दृष्टि से अशुभ माना जा रहा है।

षष्ठग्रही योग: 57 वर्षों बाद दुर्लभ संयोग
29 मार्च 2025, शनिवार के दिन 57 वर्षों के बाद एक दुर्लभ योग-संयोग का निर्माण हो रहा है जिसे षष्ठग्रही योग कहा जाता है। इस विशेष योग में शनि का मीन राशि में प्रवेश और सूर्य ग्रहण का संयोग एक साथ बन रहा है। दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर सूर्य ग्रहण आरंभ होगा और सायं 6 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगा। इस दौरान ग्रहण योग के चलते दिन को अशुभ माना जा रहा है, अतः विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

शनिश्चरी अमावस्या का संयोग
अगर अमावस्या शनिवार को पड़ती है तो यह और भी ज्यादा अच्छा माना जाता है। इसका फल भी बढ़ जाता है। शनि देव की पूजा प्रदोष काल या रात्रि में करने से शनिदेव की कृपा मिल जाती है। इस दुर्लभ संयोग के साथ ही शनिवार की अमावस्या भी है। अमावस्या को वैसे ही ज्योतिष में अशुभ दिन माना जाता है और इस दिन का संबंध शनिदेव से है। ऐसे में शनि के किसी भी प्रकार के मंदे कार्य न करने की सलाह दी जाती है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन विशेष रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना और तेल का दान करना शुभ माना जाता है।

सूर्य ग्रहण का प्रभाव
यद्यपि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन ग्रहण का ज्योतिषीय प्रभाव अवश्य रहेगा। मीन राशि में सूर्य के साथ राहु के योग से गोचर कुंडली में सूर्य ग्रहण का संयोग बन रहा है, जो कि विशेष सावधानी का संकेत देता है।

चंद्र ग्रहण योग और विष योग
मीन राशि में चंद्र और राहु की युति के कारण गोचर कुंडली में चंद्र ग्रहण योग भी बन रहा है। यह योग मानसिक बेचैनी और तनाव को बढ़ाने वाला माना गया है। इसके अलावा, मीन राशि में शनि और चंद्र की युति से विष योग का निर्माण हो रहा है। यह योग जीवन में भटकाव और मानसिक तनाव को बढ़ाता है।

क्या करें और क्या न करें
- इस दिन नए कार्यों की शुरुआत से बचें।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें और शनि से जुड़े उपाय करें।
- काले तिल और तेल का दान करें।
- अशुभ कार्यों और विवादों से दूर रहें।
इस दिन का ज्योतिषीय महत्व देखते हुए विशेष सावधानी और सतर्कता बरतें। ग्रहों के इस दुर्लभ संयोग का प्रभाव जीवन पर गहरा हो सकता है, अतः धार्मिक और आध्यात्मिक उपायों का पालन करें।
Author: Sweta Sharma
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