लखनऊ: अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, संस्कृति विभाग द्वारा भगवान श्रीराम के जीवन के विविध पहलुओं को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से रामायण कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। इसका समापन कार्यक्रम कल 02 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री रणवीर परिसर में भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमद् जगद्गुरू शंकराचार्य अमृतानंद देव तीर्थ जी उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला जाएगा। प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत संत-विद्वत समागम से होगी। इस समागम में ‘विश्व कल्याणकारी सततवाही रामतत्व’ विषय पर विचार-मंथन किया जाएगा। इसमें आचार्य मिथिलेशनंदिनीशरण जी महाराज, स्वामी हृदयानन्द गिरी और महामंडलेश्वर श्री स्वामी रामेश्वर दास जी महाराज भी शामिल होंगे। रामायण पर आधारित प्रश्नोत्तरी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा। जम्मू के प्रसिद्ध कलाकार चमन लहरी जी भजनों के माध्यम से माहौल भक्तिमय बनाएंगे। साथ ही रजनीश और उनका दल ‘डोगरी रामलीला’ का मंचन करेंगे। सांध्य काल में कवि सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें सर्वेश अस्थाना, मोहित शौर्य, सोनरूपा विशाल, विनोद गुप्ता ‘निर्मल’ और सौम्य श्रीवास्तव अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे।
कॉन्क्लेव का व्यापक आयोजन
पर्यटन मंत्री ने बताया कि इस कॉन्क्लेव की शुरुआत 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर से हुई थी। कार्यक्रम का उद्देश्य भगवान श्रीराम के आदर्शों का प्रचार-प्रसार करना है। इस यात्रा के दौरान भारत के कई प्रमुख स्थानों और श्रीलंका में भी आयोजन हुए। अब इसका समापन जम्मू में भव्य रूप से हो रहा है।
यह कॉन्क्लेव रामायण के धार्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक पहलुओं को उजागर करते हुए समाज में एकता, भाईचारे और समरसता का संदेश लेकर आया है।

Author: Sweta Sharma
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