शेयर बाजार में आज हफ्ते की शुरुआत बेहद तनावपूर्ण और गिरावट भरी रही। सोमवार सुबह बाजार खुलते ही निवेशकों को जोरदार झटका लगा, जब सेंसेक्स 2,891.21 अंक यानी 3.84% की गिरावट के साथ 72,473.48 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी भी 880.15 अंक टूटकर 22,024.30 पर आ गया।
इस भारी गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित टैरिफ वृद्धि, जिसने वैश्विक बाजारों में घबराहट फैला दी है। ट्रंप की “रेसिप्रोकल टैरिफ” नीति के तहत अमेरिका ने चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान और यूरोपीय संघ जैसे देशों से आयात पर भारी कर वृद्धि की घोषणा की है।
इस नई नीति के अनुसार,
-
चीन से आयात पर 34% कर,
-
यूरोपीय संघ पर 20%,
-
दक्षिण कोरिया पर 25%,
-
जापान पर 24%,
-
और ताइवान से आयात पर 32% कर लगाया गया है।
टैरिफ नीति के लागू होते ही शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट में मंदी का माहौल बन गया, जिसका असर सोमवार को एशियाई और भारतीय बाजारों पर साफ देखा गया।
-
S&P 500 के वायदा बाजार में 2.5%,
-
डॉव जोन्स में 2.1%,
-
और नैस्डैक फ्यूचर्स में 3.1% की गिरावट देखी गई।
भारत में भी निवेशकों में घबराहट फैल गई और बड़ी मात्रा में सेलिंग देखने को मिली, जिससे बाजार ने 2025 की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की। ट्रेडिंग की शुरुआत से ही बैंकिंग, टेक्नोलॉजी और ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई।
निवेशकों के लिए यह गिरावट चौंकाने वाली रही, क्योंकि सप्ताह की शुरुआत में ही इस तरह की उथल-पुथल ने पूरे बाजार को हिलाकर रख दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव और बढ़ता है, तो ग्लोबल मंदी का खतरा और गहराएगा।
फिलहाल निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे घबराकर निर्णय न लें और लंबी अवधि की रणनीति पर टिके रहें। बाजार में स्थिरता लौटने तक सतर्क रहना ही समझदारी होगी।
Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.





