नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 7 दिन का समय दिया। साथ ही यह स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक वक्फ संपत्तियों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लाखों लोगों ने प्रतिनिधित्व किया है, गांव-गांव में वक्फ की जमीनें शामिल की गई हैं और इस पर दावा किया गया है। उन्होंने कहा कि कानून पर अंतरिम रोक एक सख्त कदम होगा और सरकार को प्रारंभिक जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय चाहिए।
कोर्ट ने सरकार के आश्वासन को रिकॉर्ड में लिया, जिसमें कहा गया कि अगली सुनवाई तक वक्फ-बाय-यूजर या दस्तावेजों के आधार पर घोषित संपत्तियों को डीनोटिफाई नहीं किया जाएगा। साथ ही कोई नई नियुक्ति भी नहीं की जाएगी।
मुख्य न्यायाधीश ने यह भी साफ किया कि कोर्ट मौजूदा स्थिति में किसी तरह का बदलाव नहीं चाहता, क्योंकि मामला विचाराधीन है। कोर्ट ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जब तक अंतिम फैसला न हो, तब तक यथास्थिति बनी रहे।”
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी बताया कि वह इस मामले में दर्ज सभी याचिकाओं को नहीं सुनेगा, केवल पांच प्रमुख याचिकाओं पर ही विचार होगा। वकीलों को आपसी सहमति से तय करने को कहा गया कि कौन बहस करेगा। अगली सुनवाई की तारीख 5 मई तय की गई है।
Author: Sweta Sharma
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