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मदरसों को मुख्यधारा से जोड़ने की बड़ी पहल: CM योगी ने दिए सुधार के निर्देश, बहुगुणा जी को दी श्रद्धांजलि

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रदेश के दो अहम मुद्दों पर बड़ी पहल की। एक ओर उन्होंने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की, वहीं दूसरी ओर उन्होंने प्रदेश की मदरसा शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधारों को लेकर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

मुख्यमंत्री ने पांच कालीदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर हेमवती नंदन बहुगुणा को पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया। उन्होंने कहा कि बहुगुणा जी ने गांव से शिक्षा शुरू की और प्रयागराज में उच्च शिक्षा प्राप्त करते हुए स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ गए। देश और प्रदेश की सेवा में उनका योगदान प्रेरणादायक है और सरकार उनकी स्मृतियों को संजोकर आगे बढ़ा रही है।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रदेश में संचालित 13,329 मान्यता प्राप्त मदरसों की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मदरसे सिर्फ धार्मिक शिक्षा के केंद्र न रह जाएं, बल्कि आधुनिक, रोजगारपरक और पारदर्शी शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि हर विद्यार्थी को समुचित अवसर मिले, यह सरकार की प्राथमिकता है।

योगी ने कहा कि मदरसों की स्नातक व परास्नातक डिग्रियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक घोषित किए जाने के बाद नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम में बदलाव और शिक्षकों की अर्हता में सुधार आवश्यक हो गया है। उन्होंने निष्पक्ष और पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया पर भी जोर दिया।

बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा बताया गया कि प्रदेश में कुल 12.35 लाख छात्र-छात्राएं मदरसों में अध्ययनरत हैं। इनमें से 561 मदरसे अनुदानित हैं, जिनमें लगभग 2.31 लाख छात्र पढ़ते हैं और 9,889 शिक्षक कार्यरत हैं। इन शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन मिल रहा है।

मुख्यमंत्री को बताया गया कि मदरसा पोर्टल 2017 में शुरू किया गया था, जिससे परीक्षाएं, प्रमाणपत्र, वेरिफिकेशन आदि प्रक्रियाएं डिजिटल हो चुकी हैं। हालांकि बोर्ड परीक्षाओं में भाग लेने वाले छात्रों की संख्या 2016 में 4.22 लाख से घटकर 2025 में सिर्फ 88,082 रह गई है। इस गिरावट पर मुख्यमंत्री ने चिंता जताई और सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए।

शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने हेतु अब SCERT का पाठ्यक्रम लागू किया गया है। साथ ही, कक्षा 9 से 12 तक माध्यमिक शिक्षा परिषद के अनुरूप पाठ्यक्रम लागू करने की प्रक्रिया जारी है, जिसमें गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिंदी और अंग्रेज़ी जैसे विषय जोड़े जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति गठित कर जरूरी बदलावों पर रिपोर्ट तैयार की जाए ताकि मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली से जोड़ा जा सके।

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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