वैशाख अमावस्या 2025: पितरों की कृपा पाने का सुनहरा अवसर, जानें शुभ मुहूर्त और विधि
वैशाख माह की अमावस्या तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन को पितरों की आत्मा की शांति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। वैशाख अमावस्या 2025 पर श्रद्धा और विधिपूर्वक किए गए कार्यों से न केवल पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है, बल्कि परिवार में सुख-शांति और समृद्धि भी बढ़ती है।
वैशाख अमावस्या 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त:
इस वर्ष वैशाख अमावस्या तिथि 27 मई 2025, मंगलवार को है। अमावस्या तिथि की शुरुआत 26 मई को रात 11:40 बजे से होगी और इसका समापन 27 मई को रात 9:20 बजे होगा। तर्पण, स्नान और दान जैसे धार्मिक कार्य 27 मई को दिन में करना उत्तम रहेगा।
पितृ कार्य और शुभ कर्म:
इस दिन गंगा स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करना पुण्यदायक माना गया है। स्नान के बाद तिल, जल, दूध और पुष्पों से पितरों का तर्पण करें। घर में पकवान बनाकर ब्राह्मण या गरीबों को भोजन कराना भी विशेष फलदायी होता है। इसके अलावा जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दान-दक्षिणा देने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है।
धार्मिक मान्यता:
मान्यता है कि वैशाख अमावस्या पर श्रद्धा पूर्वक किए गए तर्पण और दान से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही, घर में दरिद्रता, क्लेश और असफलताओं का अंत होता है। इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा कर जल अर्पित करना भी बहुत शुभ होता है, क्योंकि पीपल को पितरों का वास स्थान माना गया है।
क्या न करें:
वैशाख अमावस्या के दिन झूठ बोलना, क्रोध करना, किसी का अपमान करना या नकारात्मक विचार रखना वर्जित माना जाता है। संयमित आचरण और सात्त्विक जीवनशैली अपनाना चाहिए।
इस प्रकार, वैशाख अमावस्या 2025 पर श्रद्धा और विधिपूर्वक किए गए कार्य जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और पितरों की कृपा से समस्त बाधाओं का निवारण होता है।
Author: Sweta Sharma
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